बहन की हत्या कर भाई ने पुलिस को किया फोन, 'मैंने दीदी को मार डाला, चौकी पर रखी है लाश'

भाई-बहन के रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक मामला बिहार के भागलपुर जिले सामने आया है। जहां मोबाइल फोन चलाने से मना करने पर छोटे भाई ने बड़ी बहन की गलादबा कर हत्या कर दी। उसके बाद पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी दी। 

भागलपुर। हमारा समाज कहां जा रहा है, नई पीढ़ी के बच्चों को न जाने इतना गुस्सा क्यों आता है.... ये वो सवाल है जिसपर बुधवार को भागलपुर में लोग चर्चा कर रहे थे। लोगों की इस चिंता के पीछे वो खौफनाक घटना थी जिसमें एक भाई ने अपनी ही बड़ी बहन की हत्या कर दी। हत्या की वजह भी चौंकाने वाली... बहन मोबाइल फोन चलाने से मना करती थी। इसके लिए भाई को डांटती-फटकारती थी। इसी बात से इंटर से छात्र रहे छोटे भाई ने 24 वर्षीय अविवाहित बड़ी बहन का गला तब तक दबाए रखा, जबतक उसकी मौत नहीं हो गई। 

मामले में परिजन केस करने को तैयार नहीं
बहन की मौत के बाद  भाई को सहसा यह अहसास हुआ कि उससे बड़ी गलती हो गई। उसके बाद उसने फोन कर अपनी दादी को घर बुलाया। साथ ही पुलिस को फोन कर जानकारी दी कि उसने अपनी बहन को मारा है। लाश घर में चौकी पर रखी है। मामले की जानकारी पर घटनास्थल पहुंची पुलिस ने लाश को बरामद किया और आरोपी को हिरासत में लिया। दिल दहलाने वाली यह घटना भागलपुर के जगदीशपुर की पानी टंकी के पास की है। मृतका और आरोपी के पिता भागलपुर कोर्ट में टाइपिस्ट हैं। मामले में परिजन केस करने को तैयार नहीं हैं। इस कारण पुलिस अपने बयान पर केस दर्ज करेगी।

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बंद कमरे का दरवाजा खोल लाश बरामद किया
जगदीशपुर थानेदार संजय कुमार सत्यार्थी ने भीतर से बंद दरवाजे को खुलवाया। एक कमरे में लाश पड़ी थी। पुलिस को देख आरोपी ने कहा कि उसने ही बहन की हत्या की है, इसलिए गिरफ्तार कर लीजिए। घटना की जानकारी मिलने पर बांका से मां, नानी अौर कोर्ट से पिता घर पर पहुंचे। घटना के समय पिता कोर्ट में थे। नानी ने बताया कि दोपहर 12 बजे नाती का फोन अाया। फोन पर उसने बस इतना कहा कि जल्दी जगदीशपुर आ जाओ। इसके बाद उसने फोन काट दिया। उन्होंने दोबारा फोन लगाकर बात करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं लगा। इसके बाद वह अपनी बीमार बेटी को लेकर जगदीशपुर पहुंची। उनकी बेटी पिछले 15 दिनों से बीमार रहने के कारण मायके में थी।

मानसिक रूप से बीमार है बेटा : पिता
मामले में पिता ने बेटे के बारे में कहा कि वह मानसिक रूप से बीमार है। डॉ. गौरव के यहां से इलाज चला था। दो बार वह फांसी लगाकर खुद की जान लेने की कोशिश कर चुका था। बहन की भी जान लेने का प्रयास कर चुका था। बीमारी के कारण वह सही-गलत में फर्क नहीं कर पाता है। जबकि मां ने कहा कि बेटा पढ़ने में काफी तेज है। इंटर में पढ़ता है। वह मानसिक रूप से बीमार नहीं है। किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ से उसका इलाज भी नहीं हुआ है। घर के भीतर उनकी बेटी की हत्या कैसे हुई, यह जानकारी नहीं है। हो सकता है कि किसी बाहरी ने घुस कर बेटी को मार दिया है।

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