ये है गोभी की खास किस्म, जिसे उपजाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं गांव की महिलाएं, खूब है डिमांड

आत्मा से प्रशिक्षण लेने के बाद मुंगेर की महिला किसान रेखा देवी ने शंख गोभी की खेती शुरू की। एक शंख गोभी की बिक्री 20 से 25 रुपए में होती है। रेखा ने बतााय कि इससे वो प्रतिदिन हजार रुपए तक की कमाई कर रही है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 6:57 AM IST

मुंगेर। यदि बुलंद हौसले के साथ सही दिशा में मेहनत किया जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इसे सच कर दिखाया है जमालपुर प्रखंड के पाटम पूर्वी पंचायत के महमदा निवासी मनोज कुमार साह की पत्नी रेखा देवी ने। 1997 में रेखा महमदा की बहू बनकर आई थी। शादी के बाद काफी दिनों तक रेखा ने बहू धर्म का पालन करते हुए चौखट से बाहर कदम नहीं रखा। इस बीच किसान पति मनोज खेती से जो कुछ उगा पाते उसी से परिवार चलता रहा। बाद में बच्चों के बड़े होते ही परिवार का खर्च बढ़ा। अब मनोज की आय परिवार का भरण-पोषण कर पाने में नाकाफी साबित होने लगी। आर्थिक विपन्नता की इस स्थिति ने रेखा को कुछ अलग करने का हिम्मत दिया। आत्मा से जुड़कर रेखा ने उन्नत खेती की तकनीक सीखी। आज वो जिले में शंख गोभी का उत्पादन करने वाली पहली महिला हैं। 

किसान मेले में लगाया गाय था स्टॉल
शंख गोभी के रूप में रेखा ने जिलेवासियों को नए सब्जी से रूबरू कराया। यह अन्य गोभी से ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट है। जिसे शहरवासी आज हाथों-हाथ खरीद रहे हैं। इस गोभी के फूल शंख आकार के होते है। रेखा के उपजाए शंख गोभी की अत्यधिक डिमांड को देखकर आसपास की महिला किसान भी शंख गोभी की खेती में जुट गई हैं। रेखा अपने 02 कट्ठा जमीन में ब्रोकली, व्हाइट गोभी, रेड गोभी, चायनीज पत्ता गोभी भी लगाया है। बाजार में एक शंख गोभी 20 से 25 रुपया में बिक्री होता है। रेखा ने बताया कि आत्मा द्वारा उपलब्ध कराए गए बीज के सहारे ही शंख गोभी की खेती की। बीते दिनों कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान मेले में रेखा देवी ने शंख गोभी का स्टॉल लगाया था, जो चर्चा में रहा था। जिला में पहली बार शंख गोभी उपजाए जाने को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा रेखा देवी को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया गया। रेखा ने बताया कि शंख गोभी की खेती में खाद के रूप में दही के घोर का छिड़काव होता है। ताकि गोभी पर कीड़ा न लगे। 

दो महीने में तैयार हो जाती शंक गोभी
रेखा ने बताया कि वर्ष 2018 में वह आत्मा से जुड़ी। उसी वर्ष दिल्ली में एक सप्ताह का प्रशिक्षण मिला। वर्ष 2019 में पूणे और इंदौर में भी तीन दिन का प्रशिक्षण मिला। जिसने मुझे खेती करने में काफी सहयोग दिया। आत्मा से मिले शंख गोभी का बीज को अक्टूबर में खेतों में लगाया। एक माह बाद नवम्बर में गोभी के पौधों को खेत में लगाया। 2 महीने में शंख गोभी तैयार हो गई।  रेखा ने आगे बताया कि किसान कम लागत पर शंख गोभी लगाकर अच्छी कमाई प्राप्त कर सकतेे हैं। वह बताती है कि खेती करने में पति मनोज कुमार साह, बेटी राजश्री और अर्पिता भी हाथ बटा रही हैं। रेखा देवी ने बताया कि आत्मा के माध्यम से ही टमाटर, मक्का, खीरा, मिर्च, प्याज, चना, मटर, आदि फसल भी लगाया है। पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है। फसल की कमाई से ही घर के राशन के साथ बच्चों की पढ़ाई एवं जरूरी 
चीजों की पूर्ति होती है। 

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