
पटना (बिहार). आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। छठ पूजा उत्तर भारत के लोगों के लिए बेहद खास पर्व है। माना जाता है इस व्रत को रखने से लोगों के जीवन में समृद्धि आती है। इस मौके पर आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कभी दाने-दाने को मोहताज रहती थी, लेकिन फिर उसके जीवन में ऐसा चमत्कार हुआ कि उसके पूरे परिवार की किस्मत ही बदल गई।
कभी भूखे पेट ही सोना पड़ता था...
दरअसल, हम आपको जिस महिला के बार में बताने जा रहे हैं उस महला का नाम है शशिप्रभा, जो बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाली है। मीडिया से बातचीन के दौरान शशिप्रभा ने कहा- करीब 18-20 साल पहले हम बहुत गरीब थे। किसी-किसी दिन हमको भूखा ही सोना पड़ता था। रहने के लिए न तो छत था और न ही पहनने के लिए अच्छे कपड़े थे।
छठ मइया की कृपा से हट गया गरीबी नाम का शब्द
उन्होंने बताया कि फिर मैंने छठ मइया का व्रत और भगवान सूर्य की उपासना करने की सोची। लेकिन मैरे पास इतने पैसे भी नहीं थे कि मैं पूजा का सामान और प्रसाद खरीद सकूं। किसी तरत मैंने 17 साल पहले पहली बार इस व्रत रखा। 2001 में मैंने गंगा मइया में डुबकी लगाई तो मेरे हाथ में एक सूप आ गया। जिसे लेकर वह घर आई। लोगों ने कहा आप छठ का व्रत करो सब सही हो जाएगा। इसके बाद मैं हर साल व्रत को रखने लगी। फिर मइया ने ऐसा चमत्कार किया कि मेरे परिवार में खुशियां आने लगीं और गरीबी नाम का शब्द हट गया।
बेटी RBI में मैनेजर तो बेटे का है लाखों का पैकेज
शशिप्रभा ने बताया कि आज मेरा परिवार पूरी तरह से संपन्न है, किसी तरह से कोई कमी नहीं है। मेरे पति को एक डेयरी कंपनी में नौकरी मिल गई। कुछ दिन बाद मुझे पोस्ट ऑफिस में कलेक्शन एजेंट काम मिल गया। उन्होंने बताया कि मेरी बड़ी बेटी चांदनी आरबीआई में मैनेजर है और बेटा पियूष एक बड़ी प्राइवेट कंपनी में बड़ी पोस्ट पर नौकरी करता है। जिसका लाखों में पैकेज है।
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