Chhath 2021: छठ पंडाल में लगी तेजस्वी यादव की मूर्ति, लोग बोले- ये तो अपमान है, RJD विधायक ने दिया जवाब

लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath puja 2021) के अंतिम दिन गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्‍य दिया गया। इससे पहले बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। छठ को लेकर कई जगह भगवान सूर्यदेव की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं। ऐसे ही एक पंडाल में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) की मूर्ति लगाई गई है। इस पंडाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 
 

पटना। छठ महापर्व (Chhath puja 2021) को लेकर पूरे बिहार (Bihar) में उत्साह का माहौल देख जा रहा है। इस बीच, वैशाली के हाजीपुर-महनार मुख्य मार्ग पर नवादा चौक के पास एक छठ पंडाल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi yadav) की मूर्ति स्थापित की गई है। ये मूर्ति भगवान सूर्यदेव के साथ स्थापित की गई है। इसमें तेजस्वी को अर्घ्य देने वाली मुद्रा में दिखाया गया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अंधकार में प्रकाश लाएंगे। कुछ लोगों ने इसे अपमान बताया है। विवाद बढ़ता देख राजद के विधायक ने जवाब दिया है। 

दरअसल, हाजीपुर-महनार मुख्य मार्ग पर नवादा चौक के निकट छठ पूजा समिति की ओर से एक मूर्ति स्थापित की गई है। इससे राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। राजद समर्थकों ने जहां भगवान सूर्य के साथ प्रतिमा स्थापित करने को सही ठहराया है। वहीं, कुछ लोगों ने इसे भगवान का अपमान बताया है। इस पर महुआ से राजद विधायक मुकेश रोशन (Mukesh raushan MLA) ने कहा कि तेजस्वी की मूर्ति लगने से विपक्ष के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए। विधायक डॉ. रोशन ने बताया कि यहां पर 2014 से हर साल भगवान सूर्यदेव और छठ मैया की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। इस बार यहां इन मूर्तियों के साथ तेजस्वी यादव की मूर्ति भी स्थापित की गई है। रोशन का कहना था कि लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के यहां की छठ पूजा की चर्चा पूरे देश में होती थी। अगर किसी ने तेजस्वी यादव की मूर्ति लगाई है तो विपक्ष के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए। 

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अंधकार में प्रकाश लाएंगे तेजस्वी
नवयुवक सूर्या क्लब बंडोह के अध्यक्ष विनोद कुमार का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष अंधकार में प्रकाश लाएंगे। जिस दिन प्रतिमा स्थापित की गई, उसी दिन तेजस्वी यादव अपना 32वां जन्मदिन मना रहे थे। राजद समर्थकों ने इसे यादगार बनाने के लिए भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा के साथ उनकी प्रतिमा की स्थापित कर दी। हालांकि, दूसरी ओर पूजा समिति के अन्य सदस्यों ने कहा है कि मूर्ति तेजस्वी यादव की नहीं है। छठ पर्व के मौके पर भगवान सूर्यदेव और छठ मैया के साथ ही मूर्तियां भी स्थापित की जाती है। यहां अर्घ्य देने का दृश्य और सामान्य श्रद्धालुओं की मूर्ति भी स्थापित की जाती है। यह सामान्य मूर्ति है।

युवाओं को अधिकार दिलाएंगे तेजस्वी
राजद नेताओं का कहना है कि जिस तरह भगवान सूर्य ने सारे संसार को रोशन करते हैं, उसी तरह तेजस्वी हमारे बिहार को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएंगे। युवाओं को रोजगार से वंचितों को उनके अधिकार दिलाने का काम करेंगे। पार्टी नेता अनिल कुमार ने कहा कि सूर्य भगवान की प्रतिमा का विसर्जन होगा लेकिन तेजस्वी की प्रतिमा का नहीं किया जाएगा। यह प्रतिमा निजी जमीन पर स्थापित की गई है।

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