मर्डर को लूट का रंग देने के लिए भाई ने ही रची थी साजिश, सिर्फ हत्या ही नहीं रिश्ते का भी हुआ कत्ल

चंद रुपए के लिए लोग किस स्तर तक गिर सकते है, इसका एक ताजा उदाहरण बेगूसराय से सामने आया है। लूट और मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी को बेगूसराय नगर पुलिस ने सुलझा लिया है और चचेरी भाई पर पुलिस को गुमराह करने के मामले में कार्रवाई की है। 
 

Prabhanshu Ranjan | Published : Feb 16, 2020 10:31 AM IST

बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में पुलिस ने सीएसपी संचालक के हत्या और लूट की मिस्ट्री की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस की जांच में जो बात सामने है वह चौंकाने वाली है। शहर के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के बाघा बाईपास के समीप सीएसपी संचालक शशि कुमार की सड़क हादसे में जान चली गई थी। इस हादसे के बाद मृतक शशि के चचरे भाई ने प्रभात कुमार ने सीएसपी संचालक के पास मौजूद पांच लाख रुपए अपने पास रख लिए और घटना को हत्या व लूट का रंग दे दिया। लेकिन दुर्घटना के कुछ ही घंटों बाद नगर थाना पुलिस ने मामले का खुलासा कर लिया। 

15 फरवरी की देर शाम हुआ था हादसा
शनिवार की देर शाम मटिहानी थाना क्षेत्र के मनीअप्पा निवासी सीएसपी संचालक शशि कुमार एसबीआई की बाघा शाखा से पांच लाख रुपए निकालकर अपने केंद्र पर जा रहा था। इसी क्रम में उनकी बाइक एक दूसरे बाइक से टकरा गई। जिससे वह सड़क पर गिर गए और पीछे से आ रही एक बोलरो की चपेट में आ गए। जिससे घटनास्थल पर ही शशि की मौत हो गई। नगर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि इस घटना के बाद शशि के साथ मौजूद एक रिश्तेदार ने उसके चचेरे भाई ने गलत बयान दिलवाकर हत्या और लूट का बयान दिया। इस पर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने रकम की बरामद
शशि कुमार के साथ मौजूद अजय कुमार ने पुलिस को बताया कि शनिवार की शाम रुपए लेकर लौटते वक्त अपराधियों ने शशि के साथ लूटपाट की। इस दौरान शशि की बाइक अनियंत्रित हो गई और वे सड़क पर गिर पड़े। इसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने छानबीन के लिए मृतक शशि के चचेरे भाई प्रभात कुमार को हिरसात में लेकर पूछताछ की। जिसमें यह खुलासा हुआ। इधर मौत के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। बता दें कि शशि की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने  एनएच-31 को जाम कर विरोध किया था। 

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