आतंकियों से लोहा लेने वाला भोजपुर का लाल शहीद, पिता दुखी मगर इस बात के लिए बेटे पर नाज

Published : Feb 06, 2020, 01:27 PM ISTUpdated : Feb 07, 2020, 01:27 PM IST
आतंकियों से लोहा लेने वाला भोजपुर का लाल शहीद, पिता दुखी मगर इस बात के लिए बेटे पर नाज

सार

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में भोजपुर के सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए। शहीद के शव को बिहार को लाया जा चुका है। 

भोजपुर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बारामुल इलाके में बुधवार को आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में भोजपुर के सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन शहीद हो गए। मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए और तीसरा घायल है। शहीद रमेश, जगदीशपुर प्रखंड में बभनियांव पंचायत के देवटोला-मठिया गांव के निवासी थे। उनके पिता राधामोहन सिंह बिहार पुलिस से रिटायर सब-इंस्पेक्टर हैं। उनकी शहादत की खबर पाते ही पूरा गांव गमगीन है। हालांकि उनके पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर फ्रख है। 

आंतकियों के खिलाफ सरकार उठाए कड़ा कदमः पिता
उल्लेखनीय हो कि रमेश सीआरपीएफ की 73 वीं बटालियन में तैनात थे। बताया जाता है कि बुधवार को बारामुला के नजदीक हाईवे किनारे आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली। जिसमें रमेश को सिर में गोली लग गयी और वे वीरगति को प्राप्त हुए। बेटे की शहादत की सूचना मिलने के बाद पिता राधामोहन सिंह ने कहा कि मेरे पिता ने भी सेना में रहकर देश की सेवा की है। मेरा दामाद भी सेना में है। देश की सेवा करते-करते मेरा बेटा शहीद हो गया। आज मुझे अपने बेटे की शहादत पर फख्र है। शहीद के पिता ने बेटे की शहादत पर सरकार से मांग करते हुए कहा कि देश से आतंकियों के पूर्ण सफाई के लिए सरकार को कड़ा से कदम उठाना चाहिए।

नवंबर में एक महीने की छुट्टी पर आए थे रमेश
शहीद हुए रमेश रंजन की शादी तीन वर्ष पूर्व डेरा गांव में विजय राय के दूसरी पुत्री बेबी के साथ हुई थी। रमेश के शहीद होने पर डेरा गांव में भी मातम पसरा हुआ है। शहीद की पत्नी बेबी देवी कोलकाता में थी। शाम तक उसे इस घटना के बारे में नहीं बताया गया था। रमेश बीते नवंबर में एक महीने की छुट्टी पर घर आया था। पति के ड्यूटी पर जाने के बाद पत्नी अपने पिता विजय राय के पास कोलकाता चली गयी है। रमेश की शहादत के बाद पत्नी को कोलकाता से बुलवाया जा रहा है। 

काफी मिलनसार स्वभाव था रमेशः ग्रामीण
गांव वालों ने बताया कि रमेश काफी मिलनसार, कर्मठ व हंसमुख स्वभाव का था। चार भाई-बहनों में रमेश सबसे छोटे थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई आरा शहर के डीएवी स्कूल, धनपुरा से हुई थी। वहां से इंटरमीडिएट करने के बाद आरा में ही हर प्रसाद दास जैन कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई किए थे। रमेश की शादी के तीन साल हो चुके हैं। हालांकि अभी उन्हें कोई संतान नहीं हुआ था। रमेश ने मंगलवार की शाम लगभग 7 बजे अपने पिता से अंतिम बार मोबाइल पर बात की थी। 

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Bihar Hijab Row: वो नौकरी ठुकराए या भाड़ में जाए, नीतीश कुमार ने कुछ गलत नहीं किया
कौन हैं नुसरत परवीन, आयुष डॉक्टर जिसका सीएम नीतीश ने खींचा हिजाब?