
दरभंगा. बिहार के दरभंगा जिले के छात्राओं को बिना कपड़ों की तस्वीर भेजने वाले और उनसे गंदी-गंदी बातें करने वाले हिंदी के प्रोफेसर अखिलेश कुमार पर लगे सभी आरोप साबित हो गए हैं। मामले की जांच कमेटी मेंबर ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने प्रोफेसर के दोषी पाए जाने की पुष्टि की है। वह मामले की आंतरिक जांच कर रहे थे।
कॉलेज की लड़कियों को भेजता था अपनी न्यूड भेजता था
दरअसल, आरोपी डॉ. अखिलेश कुमार दरभंगा जिले की ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग के प्रोफेसर रह चुका है। उस पर आरोप लगे थे कि वह कॉलेज की लड़कियों नोट्स के बहाने अपने घर बुलाता था। फिर उनके साथ छेड़छाड़ करता। इतना ही नहीं छात्राओं को साथ सोशल मीडिया के जरिए अपनी न्यूड फोटोज भी भेजता था।
लड़कियों ने बताई पापी प्रोफेसर की डर्टी कहानी
बता दें कि प्रोफेसर की गंदी हरकतों के खिलाफ 29 जुलाई से 5 अगस्त तक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन ने जमकर आंदोलन किया था। उसे गिरफ्तार करने और नौकरी से हटाने की मांग की थी। इस दौरान लड़कियों ने कहा-था कि प्रोफेसर नोट्स के बाहने घर बुलाते थे, जिसके बाद छेड़छाड़ करते थे। प्रोफेसर क्लास में और बाहर मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था।
अब प्रोफेसर की बर्खास्तगी जल्द होगी
स्टूडेंट यूनियन के आंदोलन के बाद ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी ने इस मामले की जांच के लिए आंतरिक कमेटी गठित की थी। जांच के दौरान प्रशासन ने प्रोफेसर का तबादला समस्तीपुर के कॉलेज एलकेवीडी में कर दिया था। लेकिन अब डेढ़ महीने मामले की जांच पूरी हो गई है। जहां यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने प्रोफेसर के दोषी पाए जाने की पुष्टि भी कर दी है। रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रोफेसर अखिलेश कुमार पर बर्खास्तगी जल्द हो सकती है।
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