हे भगवान! जब 10 साल की बेटी ने उठाई मां की अर्थी और खुद की अंत्येष्टि, देखने वालों का दहल उठा कलेजा

नवादा (बिहार). कोरोना वायरस के डर से अब नाते-रिश्ते भी मरने लगे हैं। ऐसा ही एक दुखद मामला बिहार में सामने आया। जहा एक विधवा महिला की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार करने के लिए सगे-संबंधी तक नहीं आए। ऐसे हालातों में मृतका की 10 साल की बेटी ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2020 3:21 PM IST / Updated: Apr 16 2020, 08:52 PM IST

नवादा (बिहार). कोरोना वायरस के डर से अब नाते-रिश्ते भी मरने लगे हैं। ऐसा ही एक दुखद मामला बिहार में सामने आया। जहा एक विधवा महिला की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार करने के लिए सगे-संबंधी तक नहीं आए। ऐसे हालातों में मृतका की 10 साल की बेटी ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया।

कोरोना के डर निकलकर नहीं आया परिवार
दरअसल, गुरुवार को नवादा जिले के हिसुआ शहर में लंबे समय से बीमार चल रही एक विधवा की मौत हो गई। महिला के निधन के कापी देर तक परिवार और रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार के लिए इंतजार होता रहा। लेकिन, कोरोना के डर से कोई भी अपने घर से निकलकर अर्थी को कंधा देने के लिए नहीं आया।

बजरंग दल ने पेश की मानवता की मिसाल
आखिर में शहर के बजरंग दल ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए यह बीड़ा उठाया। महिला की 10 साल की बेटी रिया को साथ में लेकर उसका रीति-रिवाज के अनुसार अंतिस संस्कार किया गया। जहां बेटी ने रिया नम आंखों से अपनी मां की अर्थी को कंधा देने और मुखाग्नि देने का काम किया।     

पति के मौत के बाद बेटी के साथ रह रही थी महिला
जानकारी के मुताबिक, मृतका रेखा भदानी नाम की महिला हिसुआ शहर के वार्ड नंबर 17 में अपनी 10 साल की बेटी के साथ रहती थी। कुछ सालों पहले उसके पति अरविंद माहुरी की भी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मृतका की बीमारी का खर्चा भी बजरंग दल संयोजक मनीष राठौर ने उठाया है। जहां उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला के टाइफाइड और टीवी से पीड़ित थी।

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