
पटना(Bihar). बिहार की राजधानी में करीब पखवाड़े भर से पानी भरे होने और कई लोगों के डेंगू से पीड़ित होने की रिपोर्ट पर चिंता प्रकट करते हुए पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
जस्टिस शिवाजी पांडे और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने विभिन्न पक्षों द्वारा दायर कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आदेश पारित किया। ये याचिकाएं शहर में पिछले महीने तीन दिन हुई भारी बारिश के बाद मची तबाही की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगाई गई है।
एक व्यक्ति की डेंगू से मौत
कोर्ट ने कहा कि पटना के नागरिक कुछ क्षेत्रों में जल-भराव की समस्या का सामना कर रहे हैं और समाचार पत्रों के माध्यम से यह भी खबर आई है कि लोग डेंगू से पीड़ित हैं और बार के एक सदस्य की भी डेंगू बुखार से मौत हो चुकी है, जो एक गंभीर मामला है।
कोर्ट, एक निजी अस्पताल में अधिवक्ता राजीव लोचन की बुधवार को हुई मौत का जिक्र कर रही थी। उनका अस्पताल में डेंगू जैसे लक्षणों का इलाज चल रहा था। बहरहाल, राज्य सरकार ने डेंगू से किसी की भी मौत होने से इनकार किया। हालांकि, सरकार ने इस महीने डेंगू के प्रकोप को स्वीकार किया है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि उन क्षेत्रों से पानी निकाला जाए, जो अभी भी बाढ़ में डूबे हुए हैं और राज्य सरकार के साथ-साथ नगर निगम से ‘युद्धस्तर पर डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने’ को कहा है।
मामले की आगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह के बाद की तारीख तय करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को एक विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]
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