कोरोना वायरस का खौफः गया में बेपटरी हुआ पर्यटन उद्योग, बोधगया में 4 गुने महंगे बिक रहे मास्क

कोरोना वायरस के खौफ से बिहार भी अछूता नहीं है। बौद्ध धर्म के लिए बिहार के कई शहर पर्यटन के लिए महत्त्वपूर्ण है। जहां चीन-जापान के सैलानी बड़ी संख्या में आते हैं। लेकिन इस बीमारी के कारण सैलानियों की संख्या कम गई है। मास्क की कीमत में खासा इजाफा देखा जा रहा है। 
 

पटना। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया पर देखा जा रहा है। इसके खौफ से बिहार भी अछूता नहीं है। बिहार में पर्यटन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले शहरों में सैलानियों की संख्या काफी कम गई है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में गया, बोधगया, राजगीर है। बिहार के बोधगया में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज मिलने का असर यहां के पर्यटन पर भी पड़ा है। वैश्विक स्तर पर पांव पसार रही इस बीमारी के भय की वजह से बोधगया और राजगीर में आने वाले सैलानियों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। 
 
चार गुना महंगा हुआ मेडिकेटेड मास्क 

वायरस के संदिग्ध मिलने के बाद बोधगया में मेडिकेटेड मास्क की कीमत चार गुना बढ़ गई है। आम तौर पर 10 रुपये में मिलने वाला मास्क अब 40 रुपये में मिल रहा है। इधर बीमारी के डर से लोग मास्क खरीद कर लगा रहे हैं। बता दें कि राजगीर और बोधगया में भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए चीन, जापान, श्री लंका सहित अन्य बौद्ध देशों से पर्यटक आते हैं। लेकिन इस बीमारी के कारण सैलानियों की संख्या आधी हो गई है। इस वजह से टूरिज्म और हॉटल इंडस्ट्री पर इसका खासा असर हुआ है। 

यूनिसेफ ने जारी की है एडवाइजरी, रखें ध्यान
उल्लेखनीय हो कि बीते दिनों दिल्ली में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज मिले है। जिसके बाद भारत में मेडिकल सर्विस अलर्ट मोड पर है। यूनिसेफ ने इससे बचाव के एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि कोरोना का वायरस आकार में बड़ा होता है। इस कारण वायरस हवा में नहीं बसता है बल्कि जमीन पर टिका होता है। कोरोनावायरस जब यह एक धातु की सतह पर गिरता है, तो यह 12 घंटे तक जीवित रहेगा, इसलिए साबुन और पानी से हाथ धोना पर्याप्त होगा।  वायरस हाथों पर 10 मिनट तक रहता है, इसलिए जेब में अल्कोहल स्टरलाइज़र डालना रोकथाम के उद्देश्य को पूरा करता है।

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