बिहार के बक्सर में जमकर बवाल, लाठीचार्ज से नाराज किसानों ने फूंक दी गाडियां, पुलिस को डंडों से पीटा

बिहार के बक्सर में जमीन मुआवजे को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया है। ग्रामीणों ने चौसा पावर प्लांट पर हमला बोल दिया है। इस क्रम में पुलिस के साथ झड़प की भी खबर है।

बक्सर(Bihar). बिहार के बक्सर में जमीन मुआवजे को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया है। ग्रामीणों ने चौसा पावर प्लांट पर हमला बोल दिया है। इस क्रम में पुलिस के साथ झड़प की भी खबर है। ग्रामीण बुधवार सुबह लाठी-डंडे लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर टूट पड़े। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी। प्लांट के गेट पर भी आगजनी की गई। पुलिस ने हवाई फायरिंग करके भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी हो रही है। चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ग्रामीण हटने के लिए तैयार नहीं हैं। भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात भी बवाल कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी हैं। इस लाठीचार्ज में कई महिलाएं और बच्चे भी घायल होने की खबर है। इस लाठीचार्ज के से नाराज किसान और अधिक आक्रोशित हैं।

गौरतलब है कि बक्सर के चौसा में एसजेवीएन के पॉवर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था। उस समय किसानों को 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था। कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की करवाई शुरू की तो किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांगने लगे। जबकि कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण कर रही है। 

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मांग को लेकर 2 माह से आन्दोलन कर रहे हैं ग्रामीण 
 इसी बात के विरोध में किसान व ग्रामीण पिछले 2 महीने से से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसी मामले में पुलिस ने रात के समय घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों पर लाठी बरसाई है। बताया जा रहा है कि चौसा प्रखंड स्थित बनारपुर में पुलिस के मंगलवार देर रात किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में आज किसानों ने चौसा स्थित पॉवर प्लांट में घुसकर हंगामा किया। लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने पुलिस की एक गाड़ी में भी आग लगा दी।

2019 में रखी गई थी पावर प्लांट की आधारशिला 
PM नरेन्द्र मोदी ने 1320 मेगावाट के इस प्लांट की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी थी। ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपए है। इसे केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) बना रही है। अभी तक 75% काम पूरा हो गया है। इस प्लांट से 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। करार के अनुसार संयंत्र से उत्पादित बिजली का 85% बिहार को दिया जाएगा।

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