मुंगेर में मिला कोराना का संदिग्ध मरीज, 5 दिन पहले हांगकांग से लौटा है युवक, PMCH किया गया रेफर

खतरनाक कोराना वायरस का एक संदिग्ध मरीज बिहार के मुंगेर जिले से सामने आया है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री और लक्षण देख जमालपुर पीएचसी प्रभारी ने सदर अस्पताल रेफर किया था। जहां से आगे की जांच के लिए उसे पीएमसीएच पटना रेफर किया गया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2020 7:07 AM IST

मुंगेर। कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज गुरुवार की शाम सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुआ। मरीज को जमालपुर पीएचसी से रेफर किया गया था। पीड़ित मरीज मर्चेंट नेवी का कर्मी है। पांच दिन पहले ही वह हांगकांग से वापस आया था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तथा बुखार था। जिसका इलाज कराने वह जमालपुर पीएचसी पहुंचा था। जहां प्रभारी चिकित्सक डॉ. बलराम प्रसाद ने मरीज का ट्रैवल हिस्ट्री और ब्रेथलेसनेस रहने की संभावना को देखते हुए कोरोना वायरस से पीड़ित रहने की संभावना जताई और सिविल सर्जन मुंगेर को इस स्थिति से अवगत कराया। सीएस के निर्देश पर पीएचसी प्रभारी ने मरीज को सदर अस्पताल रेफर कर दिया। 

पूणे भेजा जाएगा सैंपल, जांच के बाद होगी पुष्टि
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सोहन लाल ने मरीज को सैंपल जांच के लिए पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया है। आज सुबह मरीज के परिजन उसे लेकर पीएमसीएच गए। वैक्टर जनित रोग नियंत्री पदाधिकारी प्रेमरंजन दूबे ने बताया कि सावधानी के तौर पर मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। मरीज का पटना में पीसीआर जांच होगा। जांच में रिएक्टिव पाए जाने पर कोविड-19 जांच के लिए सैंपल को पूणे भेजा जाएगा। फिलहाल मरीज के कोरोना पॉजेटिव रहने की संभावना कम है।

सदर अस्पताल में मरीज व कर्मियों में दहशत
कोरोना का संभावित मरीज सदर अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल में मौजूद मरीज व कर्मियों के बीच दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया। अस्पताल के सभी कर्मी चेहरे पर मास्क लगाए नजर आए। जबकि इलाज कराने अस्पताल पहुंचे मरीज अस्पताल से बाहर निकलते नजर आए। आलम यह था कि जिस एम्बुलेंस से मरीज को लाया गया था, उस एम्बुलेंस के आस पास कोई भी व्यक्ति नहीं सटना चाह रहा था। पीएचसी जमालपुर से रेफर कोरोना वायरस के मरीज को एम्बुलेंस से सबसे पहले सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया। जहां ड्यूटी कर रहे डाक्टर सोहन लाल इमरजेंसी कक्ष के बाहर ही एम्बुलेंस के ईएमटी से मरीज का पुर्जा जमीन पर रखने को कहा और बिना मरीज की जांच किए या मरीज के पास गए ही पुर्जा पर सीधे रेफर लिख दिया।
 

Share this article
click me!