बिहार में उफनाती नदियों ने कहर ढा दिया है। बाढ़ से करीब 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं करीब एक लाख परिवारों को बाढ़ से घर छोड़ना पड़ा है। बाढ़ की तबाही का सबसे खौफनाक मंजर बैकुंठपुर के चिउतहा में देखने को मिल रहा है जहां पक्की सड़कें बाढ़ में बुरी तरह ध्वस्त हो गयी हैं
गोपालगंज(Bihar). बिहार में उफनाती नदियों ने कहर ढा दिया है। बाढ़ से करीब 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं करीब एक लाख परिवारों को बाढ़ से घर छोड़ना पड़ा है। बाढ़ की तबाही का सबसे खौफनाक मंजर बैकुंठपुर के चिउतहा में देखने को मिल रहा है जहां पक्की सड़कें बाढ़ में बुरी तरह ध्वस्त हो गयी हैं। यहां बिजली के पोल और विशाल पेड़ धराशायी हो गए हैं। बाढ़ की तबाही झेल रहे चिउतहा गांव में राशन लेने जा रहे दो भाइयों की नाव हादसे में मौत हो गयी थी। उनका शव भी तीन दिन बाद बरामद किया गया।
जानकारी के अनुसार चिउतहा गांव के दिनेश प्रसाद (35) और उनके बड़े भाई सुरेंद्र कुमार (40) अपने घर से छोटी नाव से राशन खरीदने के लिए भगवानपुर बाजार जा रहे थे। इसी दौरान बाढ़ की तेज धारा में उनकी नाव फंस गयी और हादसे के शिकार हो गए। घटना के बाद ही दोनों भाई बाढ़ की पानी में लापता हो गए। जिनकी तीन दिनों तक तलाश की गयी। शुक्रवार की देर शाम दोनों भाइयों का शव गांव के तालाब से बरामद किया गया। बाढ़ का पानी कम होने के बाद उनके शव की तलाश की गयी।
शव मिलते ही परिजनों में मचा कोहराम
दोनों भाइयों के शव मिलते ही पुरे गांव में चीत्कार मच गया। लोगों की भीड़ मौके पर उमड़ पड़ी। बाद में सुचना मिलने पर सदर एसडीएम उपेन्द्र कुमार पाल, स्थानीय भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी सहित बैकुंठपुर बीडीओ पहुंचे और मृतक के परिजन को चार चार लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की. विधायक मिथिलेश तिवारी ने बताया की बैकुंठपुर में बांध टूटने के बाद पानी की तेज धार में दो भाई फंस गए। दोनों भाइयों का शव पानी के तलहटी में फंस गया। जिनका शाव मुश्किल से बाहर निकाला गया है। बैकुंठपुर में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां राज्य सरकार और गोपालगंज जिला प्रशासन के द्वारा लोगों के खाते में मदद की राशि भेजी जा रही है। नुकसान का आकलन कर जल्द ही उसका मुआवजा दिया जायेगा।