बीवी के अवैध संबंध का विरोध करने पर पत्नी, सास और सालों ने पीट-पीट कर ससुराल में युवक को मार डाला

लॉकडाउन के कारण ससुराल में फंसे यूपी निवासी दामाद की हत्या पत्नी, सास और सालों ने मिलकर कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने पत्नी, सास और दोनों सालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार हत्या की इस वारदात को पत्नी के अवैध संबंध का विरोध करने के कारण अंजाम दिया गया। 

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 7:51 AM IST

मुंगेर। पति-पत्नी का रिश्ता प्यार और विश्वास का माना जाता है। लेकिन कई बार अवैध संबंध के कारण इस रिश्ते की कत्ल हुआ है। ताजा मामला बिहार के मुंगेर जिले से सामने आया है। जहां यूपी के बांदा जिला निवासी रामकिशोर की हत्या उसकी पत्नी, सास और सालों ने मिलकर 16 मई को कर दी थी। मामले का खुलासा गुरुवार को तब हुआ था जब रामकिशोर के परिजनों से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने रामकिशोर की पत्नी अल्का देवी, सास ललिता देवी और साला सुरजीत और साकेत गिरफ्तार कर पूछताछ की। 

पत्नी का गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध

सालों की निशानदेही पर पुलिस ने गंगा ढाब से रामकिशोर का शव बरामद किया था। इस मामले में शुक्रवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दूसरी ओर ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामकिशोर की हत्या पत्नी के अवैध संबंध का विरोध करने के कारण की गई। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन में ससुराल आकर फंसे रामकिशोर को इस बात की यह जानकारी मिली थी कि उसकी पत्नी का गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध था। जिसका वह विरोध करता था। आशंका जताई जा रही कि इसी विरोध का खामियाजा रामकिशोर को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

हत्या के बाद घर में ही जलाने की कोशिश की
ग्रामीणों ने बताया कि जब रामकिशोर ने पत्नी के अवैध संबंध का विरोध किया तो साला सुरजीत और साकेत के साथ पत्नी एवं सास के द्वारा उसके साथ मारपीट किया। मारपीट में ही रामकिशोर की मौत हो गई। मौत के बाद इन लोगों ने घर में रामकिशोर को जला कर हत्या को दूसरी कहानी गढ़ने की कोशिश की। लेकिन शव जल नहीं पाया, तो 17 मई की अहले सुबह एक स्थानीय व्यक्ति के ठेले पर अधजले शव को लादकर कल्याण टोला गंगा ढाब में गंगा के बालू में दफन कर दिया।

आरोपी पत्नी ने खुद को बताया बेकसूर
वहीं मृतका की पत्नी अल्का ने खुद को बेकसूर बताया है। उसने घटना को खुदकुशी बताते हुए पंचायत समिति पर आरोप लगाया। उसने बताया कि घटना की रात सभी सोए थे। तभी उसे कुछ जलने की आवाज आई। जब वह बाहर निकल कर देखी तो उसका पति साड़ी पहने हुए आग से लिपटा हुआ था। चीखने-चिल्लाने की आवाज सुन आस-पास के लोग जमा हुए। आग बुझाने की कोशिश की, मगर तब तक रामकिशोर की मौत हो चुकी थी। जब मामले की सूचना पुलिस को देनी चाही तो पंचायत समिति के सदस्यों ने उन्हें रोक दिया। समिति के सदस्यों ने कहा कि जल्दी लाश को उठा कर फेंक दो नहीं तो तुम सब को जेल हो जाएगा। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि बुधो और प्रदीप मंडल ने उसे ऐसा करने को कहा।

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