सियासी अटकलें खारिज, तेजस्वी-नीतीश मुलाकात पर JDU बोली, 'हम मजबूती से NDA के साथ'

बीते दिनों राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दो-दो बार मुलाकात की थी। विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस मुलाकात से सियासी अटकलें तेज हो चली थी। लेकिन अब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के बयान से सभी अटकलें खारिज हो गई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 28, 2020 12:20 PM IST / Updated: Feb 28 2020, 06:57 PM IST

पटना। बीते दिनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की दो-दो बार हुई मुलाकात से राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। कई लोग चुनाव में जेडीयू और राजद के मिलकर लड़ने तक की भविष्यवाणी कर चुके थे। लेकिन इन सभी अटकलों को आज जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने खारिज कर दिया। वशिष्ठ नारायण सिंह ने साफ कहा  कि हम एनडीए के साथ मजबूती से है। बता दें कि एनडीए में जदयू के अलावा लोजपा और भाजपा शामिल है। उन्होंने साफ किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के सभी साथी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। 

विपक्ष के लोगों की सीएम से मुलाकात स्वभाविक
गुरुवार को वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष और सरकार दो पहिये के समान है। विपक्ष के लोगों का मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात करना स्वभाविक है। इस तरह की मुलाकात से कोई अटकल नहीं लगाना चाहिए। ये कोई राजनीति मुलाकात नहीं है। हम एनडीए के साथ मजबूती से है। नीतीश के नेतृत्व में बिहार विकास के पथ पर है। आगामी चुनाव में हम विकास के मुद्दे पर भी एनडीए के सभी साथी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों प्रदेश की यात्रा पर है। जिसमें वो लगातार सरकार के खिलाफ विषवमन कर रहे हैं। आरजेडी संग चुनाव में गठबंधन के सवाल पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राजद के साथ कोई नजदीकी नहीं है। 

प्रस्ताव पारित होने को बताया आदर्श स्थिति
बिहार विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर को लेकर सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह लोकतंत्र की आदर्श स्थिति है। सदस्यों ने ऐसा काम करके पूरे देश को एक संदेश देने का काम किया है। एनआरसी, सीएए और एनपीआर पर जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और लैप्ट नेता कन्हैया कुमार के जन मन गण कार्यक्रम पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि जिनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है वे ही संविधान बचाने के बात कर रहे हैं।  
 

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