बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में कितनी खामियां है, इसकी तस्वीरें बराबर मीडिया में आती रहती हैं। कोरोना काल में भी कमियों का सिलसिला जारी है। डॉक्टर व अन्य मेडिकल टीम के लिए जरूरी पीपीई सूट तक राज्य में उपलब्ध नहीं है। इसके बाद भी राज्य कोरोना के जंग में अन्य विकसित राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2020 8:28 AM IST
भागलपुर। कोरोना से उपजे इस वैश्विक संकट काल में भी बिहार के कई डॉक्टर अपनी सेवा और हौसले की नजीर पेश कर रहे हैं। अपनी जान को जोखिम में डालकर ये लोग लगातार मरीजों की सेवा कर रहे हैं। यूं तो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में हजारों कमियां है, जिसकी तस्वीरें मीडिया में बराबर आती रहती है। यहां तक कोरोना काल में डॉक्टर व अन्य मेडिकल टीम के लिए जरूरी पीपीई सूट सहित अन्य उपकरणों की कमियां भी है। लेकिन इसके बाद भी कोरोना से जारी जंग में राज्य का प्रदर्शन अन्य विकसित राज्यों की तुलना में बेहतर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मेल भेज की तारीफसंकट की विकट परिस्थिति में बिहार के भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लेडी डॉक्टर गीता रानी ने जुगाड़ तकनीक के जरिए पीपीई सूट तैयार कर बड़ी मिसाल पेश की है। उन्होंने कार के कवर से उन्होंने अपने और अपने डॉक्टरपति के लिए किट बनवाए और मरीजों की सेवा में जुटी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉ. गीता की इस प्रैक्टिकल एप्रोच की तारीफ की है। उन्होंने ईमेल से डॉक्टर को बधाई दी है।
दरअसल, जेएलएनएमसीएच के स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग में पदस्थ डॉ. गीता रानी कोरोना वायरस संक्रमित एक मरीज के आने बाद डर गई थीं। उन्होंने मरीजों की जांच व इलाज में डॉक्टरों के लिए जरूरी पीपीई किट की प्रबंधन से बात की।
यू-ट्यूब में देखा, फिर टेलर से बनवायाअस्पताल में यह किट उपलब्ध नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने मरीजों की सेवा में जुटे रहने का संकल्प पूरा करने के लिए अलग-अलग बिंदुओं पर सोचना शुरू कर दिया। उनके डॉक्टर पति की सुरक्षा के लिए भी यह किट जरूरी था। नतीजा, दोनों ने यू-ट्यूब की मदद ली। बरारी के एक टेलर मास्टर को यू-ट्यूब वीडियो में किट का डिजाइन दिखाया और कार के कवर को किट में तब्दील करवाया। अपनी जुगाड़ तकनीक से बने इस किट को पहनने के बाद उन्होंने एक महिला मरीज की सर्जरी भी की।
सोशल डिस्टेंसिंग का तरीका भी ढूंढ़ाडॉ. गीता रानी ने बताया, कोरोना से लड़ने के लिए यह कमियों पर केवल रोने का नहीं कुछ अलग करने का समय है। यह किट पूरी तरह कोरोना से बचाव में सेफ है। इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। हर बार यूज करने से पहले इसे स्टरलाइज्ड करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह पीपीई किट की तरह नहीं है, लेकिन वाटर प्रूफ और एयर प्रूफ है। कोरोना संक्रमण से बचाने में सक्षम है। उन्होंने केंद्र और राज्य के सीएम नीतीश कुमार को भी ईमेल भेजकर इसकी जानकारी दी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करने के लिए उन्होंने छाते का इस्तेमाल शुरू किया। सीएम को भेजे मेल में उन्होंने कहा है कि यदि लोग छाता लेकर बाहर निकलें तो तीन फीट की दूरी स्वत: मेंटेन हो जाएगी।