कन्हैया कुमार ने वारिस पठान के बयान को बताया गलत,'धार्मिक होने और कट्टर होने में अंतर है'

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता ने सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ राज्यव्यापी ‘जन गण मन यात्रा’ के दौरान पठान के बयान और बेंगलुरु में एआईएमआईएम की एक रैली में एक युवती द्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए जाने के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 6:29 PM IST

पटना. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता कन्हैया कुमार ने एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान के ‘‘15 करोड़ मुसलमानों के 100 करोड़ पर भारी होने’’ संबंधी बयान को गलत बताते हुए कहा कि ‘‘धार्मिक’’ और ‘‘कट्टर’’ होने के बीच अंतर हैं।

मुझे बली का बकरा बनाया गया था- कन्हैया

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता ने सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ राज्यव्यापी ‘जन गण मन यात्रा’ के दौरान पठान के बयान और बेंगलुरु में एआईएमआईएम की एक रैली में एक युवती द्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए जाने के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही। कन्हैया 2016 में उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगने के बाद सुर्खियों में आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि किसी बलि के बकरे की आवश्यकता हमेशा होती है। चार साल पहले बलि का बकरा मैं था, जब सोशल मीडिया समेत हर जगह मुझे अपशब्द कहे जा रहे थे। अब, मैं पुराना हो चुका हूं इसलिए नफरत करने के लिए नई चीजें खोज ली गई हैं।’’

धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का मैं विरोध करता हूं

हालांकि उन्होंने कहा कि वह धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने की हर कोशिश का विरोध करते हैं। कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह समझने की आवश्यकता है कि धार्मिक होने और कट्टर होने एवं नफरत को सही ठहराने के लिए किसी की आस्था का इस्तेमाल करने के बीच अंतर है।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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