बिहार में लखीसराय कलेक्टर संजय कुमार का आया एक और वीडियो, गलती के बाद अब मांग रहे माफी!

टीचर के पहनावे को लेकर टिप्पणी कर चर्चा में आए बिहार लखीसराय कलेक्टर संजय कुमार का एक और वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने अपनी सफाई पेश की है। डीएम कहते हैं 'मुझे कुर्ता पजामा से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पहनावे के तरीके पर विरोध है। 

Arvind Raghuwanshi | Published : Jul 14, 2022 11:25 AM IST / Updated: Jul 14 2022, 05:05 PM IST

पटना. बिहार के लखीसराय जिले के डीएम यानि कलेक्टर साहब संजय कुमार सिंह इन दिनों काफी चर्चा में हैं। उनके सुर्खियों में आने की वजह उनका एक विवादित वीडियो, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है। जिसमें उन्होंने स्‍कूल में खामियों को देखते टीचर की वेश-भूषा पर भी टिप्‍पणी की थी। हालांकि, संजय कुमार सिंह का एक और वीडियो फिर सामने आया है। जिसमें वह अपने पुराने वीडियो पर हुए विवाद पर सफाई मांगते हुए दिख रहे हैं। IAS संजय कुमार सिंह ट्विटर पर वीडियो जारी कर स्वीकारा है कि वह प्रिंसिपल पर भड़क गए थे, लेकिन असल में मुझे उनके पहनावे या कुर्ते-पायजामे से कोई दिक्कत नहीं थी।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, डीएम संजय कुमार पिछले दिनों लखीसराय के कन्या प्राथमिक विद्यालय बालगुदर में  निरीक्षण के लिए गए थे। इस दौरान कलेक्टर साहब ने प्रिंसिपल निर्भय कुमार सिंह को कुर्ते-पायजामे में देखकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। डीएम ने कहा कि तुम टीचर नहीं एक नेता लग रहे हो, तु्म्हे इस तरह के कपड़े पहनकर स्कूल नहीं आना चाहिए। इतना ही नहीं डीएम ने टीचर को सस्पेंड करने और उसकी सैलरी काटने के आदेश भी दे दिए थे।

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डीएम साहब का जमकर हो रहा विरोध
आईएएस अफसर के इस रवैये का मामला स्कूल में लगे कैमरे में कैद हो गया। किसी ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया। जिसके बाद यह वीडियो जमकर वायरल हो गया।  IAS संजय कुमार सिंह के द्वारा हेडमास्टर पर की गई इस टिप्पणी का खूब विरोध हुआ। आम यूजर से लेकर कई सीनियर अफसरों ने भी डीएम की काफी आलोचना की थी। ट्विटर पर कई IAS-IPS अफसरों ने लिखा था कि उनका बर्ताव एक अफसर जैसा नहीं था। इतना ही नहीं कई अधिकारियों ने तो संजय कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर डाली है।

कलेक्टेर साहब ने अपनी ही टिप्पणी पर दी सफाई
अब इस पूरे मामले के बाद आईएएस संजय सिंह को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इस पर सफाई दी है। उन्होंने वीडियो के जरिए कहा-मुझे प्रिंसिपल के पहनावे कुर्ता-पजामा से कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन उन्होंने जिस ढंग से उनको पहना था उससे दिक्कत थी। क्योंकि उनकी कुते की बटन खुली हुई थीं, साथ ही जिस तरह से गले में गमछा डाल रखा था वह एक आर्दश शिक्षक की तरह नहीं था। क्योंकि शिक्षक बच्चों के लिए आर्दश होते हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरह से पहनावा पहन रखा था वह ध्यान देने लायक था। वैसे हर कोई कुछ भी कपड़े पहने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन एक टीचर उस वक्त ध्यान देना चाहिए जब वो स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए आए। आप मेरे बोले गए शब्दों को ना देखें, दोनों पक्षों को देखें तो पता चल जाएगा कौन सही है और कौन गलत है।

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