लालू प्रसाद यादव रिहा होने के बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर रखने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। परिवार ने बताया कि अभी उन्हें पटना नहीं भेजा जाएगा। उनकी तबीयत लगातार खराब रही है और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है। हालांकि एम्स में 25 जनवरी से लालू का इलाज चल रहा है।
रांची/पटना। चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जेल कस्टडी से रिहा कर दिया गया है। वह चारा घोटाले के दुमका कोषागार से जुड़े मामले में 19 मार्च 2018 से सजा काट रहे थे। इस मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने उन्हें दो धाराओं में सात-सात की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने दोनों सजाओं को अलग-अलग काटने का निर्देश दिया था। इसी मामले में लालू प्रसाद जेल में थे। झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें 17 अप्रैल को ही दुमका वाले मामले में जमानत की सुविधा प्रदान कर दी थी।
इस शर्त पर मिली है जमानत
कोर्ट ने दो शर्तें रखी हैं। पहली शर्त है कि जमानत के दौरान लालू प्रसाद यादव हाईकोर्ट से परमिशन लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे। दूसरी यह कि वे अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलेंगे।
बेटी मीसा के घर रहेंगे लालू
लालू के रिहा होने के बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर रखने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। परिवार ने बताया कि अभी उन्हें पटना नहीं भेजा जाएगा। उनकी तबीयत लगातार खराब रही है और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है। हालांकि एम्स में 25 जनवरी से लालू का इलाज चल रहा है।
ऐसे है मिली जमानत
28 अप्रैल को सीबीसीआइ ने आदेश जारी किया कि वैसे मामले में जिनको ऊपरी अदालत ने जमानत की सुविधा दे दी है। निचली अदालत में बेल बांड भरने की अनुमित दी जाती है। अधिवक्ता या अधिवक्ता लिपिक को बेल बांड भरने की छूट दी जाती है। इसी निर्देश के आलोक में लालू प्रसाद की ओर से बेल बांड भरा गया। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि रिलीज ऑर्डर जेल चला गया। वहीं से दिल्ली स्थिति एम्स को ई-मेल के जरिए भेज दिया गया है। जहां पर लालू प्रसाद इलाज चल रहा है। इधर, जेल आइजी वीरेंद्र भूषण ने कहा कि लालू प्रसाद को गुरुवार को ही रिहा कर दिया गया।
12 दिन पहले ही मिली थी जमान, लेकिन फंसा था ये पेंच
झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 17 अप्रैल को मामले में जमानत की सुविधा प्रदान की थी, लेकिन अधिवक्ताओं के कार्य नहीं किए जाने के कारण बेल बॉड नहीं भरा जा सका था। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के आदेश के बाद गुरुवार को लालू प्रसाद के पैरवीकार अधिवक्ता ने दो निजी मुचलके दाखिल किए, जिसे कोर्ट ने सही पाकर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक को भेज दिया। साथ ही लालू प्रसाद को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया।
कब आएंगे एम्स से बाहर
सीबीआइ कोर्ट की ओर से जारी रिलीज आदेश को बिरसा मुंडा होटवार जेल, रांची अथॉरिटी की ओर से एम्स, नई दिल्ली भेजा गया। जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। हालांकि लालू यादव एम्स से कब निकलेंगे, यह चिकित्सकों की सलाह के बाद निर्धारित होगा।
लालू को कब-कब गए जेल
30 जुलाई 1997: पहली बार लालू यादव को जेल जाना पड़ा। इस दौरान कुल 135 दिन जेल में रहे।
28 अक्टूबर 1998: दूसरी बार जेल गए। 73 दिन बाद बाहर निकले।
5 अप्रैल 2000: तीसरी बार जेल गए। 11 दिन बाद जमानत मिली।
28 नवंबर 2000: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक दिन के लिए जेल गए।
3 अक्टूबर 2013: चारा घोटाले से जुडे़ एक मामले में दोषी साबित होने के बाद जेल गए। 70 दिन बाद बाहर निकले।
23 दिसंबर 2017: चारा घोटाले से जुड़े एक केस में सजा होने के बाद जेल गए। अब जमानत मिली है।