शाम ढलते ही मयखाना बन जाता था बिहार का ये क्वारेंटाइन सेंटर, आपस में ही भिड़े प्रवासी तो खुला राज

बिहार में प्रवासियों को रखने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। सेंटरों में जरूरी सुविधाओं के साथ सुरक्षा के लिए जवान भी तैनात किए गए हैं। इसके बावजूद कई क्वारेंटाइन सेंटर से नियमों के अवहेलना की तस्वीर सामने आ रही हैं। 
 

मोतिहारी। बिहार में बाहर से आए प्रवासियों को रखने के लिए सरकार ने प्रंखडों में सरकारी स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। यहां प्रवासियों को 14 दिनों तक रखे जाने की व्यवस्था है। दावा है कि क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासियों के रखने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं दी गई हैं। उनके मेडिकल चेकअप के लिए डॉक्टर-नर्स की तैनाती है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए होमगार्ड व जवानों की भी तैनाती की गई है। इसके बावजूद बिहार के क्वारेंटाइन सेंटर में नियमों की धज्जियां उड़ाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। 

समस्तीपुर में नाच, कटिहार में गांजा पीने का वीडियो वायरल 
सोमवार रात समस्तीपुर के एक क्वारेंटाइन सेंटर में बिदेसिया नाच आयोजन हुआ। वीडियो काफी वायरल हुआ। इसके बाद आज कटिहार के एक क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रवासियों के गांजा पीने का वीडियो सामने आया। इन दो मामलों के बाद अब तीसरा मामला पूर्वी चंपारण जिले के एक क्वारेटाइन सेंटर से सामने आया है, जो शाम ढलने के बाद मयखाना बन जाता था। 
जानकारी के अनुसार मोतिहारी के पकड़ीदयाल स्थित एक क्वारेंटाइन सेंटर प्रवासी शराब पार्टी किया करते थे। शाम होते ही यहां जमकर जाम छलकाए जाते थे। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब बीते दिनों शराब पार्टी के दौरान दो प्रवासी गुटों में आपसी भिड़ंत हो गई। मारपीट में एक प्रवासी का पैर तक टूट गया। 

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देसी शराब की बोतल और बाइक बरामद
जानकारी के मुताबिक पकड़ीदयाल के सुंदरपट्टी मध्य विद्यालय में बीते दिनों दूसरे राज्यों से लौटे आस-पास के प्रवासियों को रखा गया है। जहां बीते दिनों शराब पीने के बाद दो प्रवासी गुटों के बीच मारपीट हुई। मारपीट के बाद स्कूल से देसी शराब बरामद और बाइक भी बरामद हुई। स्कूल से बरामद बाइक इस ओर इशारा करती हैं कि यहां बाहरी लोगों का भी आना-जाना होता है। मारपीट की सूचना पर पुलिस मामले की जांच को पहुंची। चोटिल प्रवासी का इलाज कराया जा रहा है। जब इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। 

बिहार के क्वारेंटाइन सेंटरों में सरकार ने मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। इस कारण धांधली और नियमों की मनमानी के ज्यादातर मामले सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि अंदर क्वारेंटाइन किए गए प्रवासी मजदूर भी लापरवाही और नियमों की अनदेखी के वीडियो-फोटो वायरल कर इसकी गवाही देते हैं। सवाल उठात है कि शराबबंदी के कड़े कानून और सख्त पहरे के बाद भी क्वारेंटाइन सेंटर तक शराब कैसे पहुंची और जब ये सब हो रहा था तो सेंटर प्रभारी से लेकर सुरक्षा में तैनात जवान कहां थे?  

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