बिहार में रणवीर सिंह के खिलाफ केस दर्ज, शिकायतकर्ता ने कहा- उनके इस काम से हुई महिलाओं को शर्मिंदगी

मिठनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले और भारतीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम राजू नैय्यर ने यह परिवाद किया है। उन्होंने कहा- अभिनेता रणवीर सिंह के इस काम से महिलाओं को शर्मिंदगी हुई है वह उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।

Pawan Tiwari | Published : Jul 29, 2022 8:46 AM IST

मुजफ्फरपुर. फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह के खिलाफ न्यूड फोटो शूट को लेकर केस दर्ज कराया गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ एम राजू नैय्यर ने परिवाद दायर किया है। इसके लिए 5 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है। आपको बता दें कि रणवीर सिंह की इस आपत्तिजनक तस्वीर शेयर करने के बाद देश के अलग-अलग कोने में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। रणवीर सिंह के खिलाफ मुजफ्फरपुर के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में यह परिवाद दायर किया गया था। मिठनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले और भारतीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम राजू नैय्यर ने यह परिवाद किया है। साथ ही कोर्ट ने दायर याचिका की सुनवाई की तिथि 5 अगस्त को निर्धारित की गई है। पोस्ट करने के बाद रणवीर सिंह को सोशल मीडिया पर भी जमकर ट्रोल किया जा रहा है। 

ये लगाया गया आरोप
परिवाद में कहा गया है कि 27 जुलाई को जब वे अपने घर पे अलग-अलग टीवी चैनलों पर समाचार देख रहे थे। उस दौरान समाचार प्रसारित किया जा रहा था कि फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह इंटरनेट मीडिया पर अपनी शर्टलेस तस्वीर पोस्ट किए हैं। बड़ी राशि के लालच में उन्होंने यह तस्वीर अखबार व पत्रिका में  प्रकाशित किए जाने के लिए उन्होंने ऐसी तस्वीरें खिंचाई। नैय्यर ने यह आरोप लगाया है कि यह तस्वीर युवाओं को भ्रमित करने व समाज को खराब करने की उद्देश्य से खींचवाई गई है। अभिनेता रणवीर सिंह के इस काम से महिलाओं को शर्मिंदगी हुई है वह उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। जिससे वे आहत हुए हैं।

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क्या हो सकती है सजा
इस बारे में परिवार दायर करने वाले अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि इस तरह की तस्वीर अभिनेता ने व्यावसायिक उद्देश्य से शूट कराई है। लेकिन सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उन्होंने महिलाओं को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है। इसको लेकर आईपीसी की धारा 292, 293, 509 और आईपीसी आईटी एक्ट 67 (ए) के तहत परिवाद दायर कराया गया है। साथी आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान उन्हें उपस्थित भी होना पड़ सकता है। यदि अगर कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी साबित किया जाता है तो उन्हें 10 वर्ष या उससे अधिक की भी सजा हो सकती है।

इसे भी पढ़ें-  जानें कौन है वो शख्स जिसने खिंची रणवीर सिंह की न्यूड तस्वीरें, इतने घंटे लगे थे इस फोटोशूट में

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