इस पुल का निर्माण 1,710 करोड़ रुपए है। आंधी आने के बाद अगुवानी पुल ढह गया था। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं लेकिन करोड़ों का नुकसान हुआ है। आसपास के लोगों का कहना है कि संयोग अच्छा था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
पटना : तेज हवाओं से पुल गिर गया...बिहार के एक IAS अफसर के तर्क को सुन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) हैरानी में पड़ गए। सोमवार को इस बयान पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा-मुझे समझ में नहीं आता कि तेज हवाओं के कारण पुल कैसे गिर सकता है, कुछ गलती जरूर हुई होगी। हम पुल बनाने वाले मेटेरियल की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते। इसका पूरा ध्यान रख जाना चाहिए। बता दें 29 अप्रैल 2022 को बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहे पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई थी।
केंद्रीय मंत्री का रिएक्शन
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इसका जिक्र करते हुए कहा, बिहार में 29 अप्रैल को एक पुल गिर गया था। जब मैंने सचिव से इसका कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया- तेज हवाओं के कारण ब्रिज गिर गया। इस पर आश्चर्य जताते हुए गडकरी ने कहा- एक IAS अफसर, इस तरह के स्पष्टीकरण पर विश्वास कैसे कर सकता है, यह हैरानी वाला है। उन्होंने कहा- मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हवा और धुंध के कारण पुल कैसे गिर सकता है? इसमें जरूर कुछ गलती हुई होगी। किसी भी पुल के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा।
खगड़िया से कम होगी भागलपुर की दूरी
सुल्तानगंज में इस ब्रिज का निर्माण 1,710 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई तकरीबन 3.160 किलोमीटर है। इसका निर्माण 23 फरवरी 2014 में शुरू हुआ था, तब इसकी आधारशिला सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खगड़िया जिले के परबत्ता में रखी थी। पुल को 2019 में ही बनकर तैयार हो जाना था लेकिन समय से यह पूरा नहीं हो सका। यह पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस पुल के बनने से उत्तर बिहार सीधे मिर्जा चौकी के रास्ते झारखंड से भी जुड़ जाएगा। इस पुल के बनने से श्रावणी मेले के दौरान कांवरियों को भी खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की बजाय 30 किलोमीटर ही चलना पड़ेगा।
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