बिहार में गुरुवार 22 सितंबर के दिन एनआईए की सबसे बड़ी कार्यवाही हुई है। टीम ने देशभर के 11 राज्यों में की गई है। राज्य में अब तक 106 लोग अरेस्ट किए गए है। इसकी जानकारी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई है।
पटना (बिहार). एनआईए ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की। एनआईए की यह कार्रवाई बिहर समेत 11 राज्यों में जारी है। छापे में अब तक कुल 106 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), कर्नाटक (20), केरल (22), एमपी (4), महाराष्ट्र (20), पुडुचेरी (3), राजस्थान (2), तमिलनाडु (10) और यूपी (8) से हुई है। गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है। इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी तथा आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गयी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी इस उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए। एनआईए ने इसे ‘अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान' बताया है।
बिहार में 9 जिलों में SDPI के प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव के घर छापा मारा था
पटना के फुलवारी शरीफ से सामने आए पीएफआई कनेक्शन के बाद एनआईए ने 8 सितंबर को बिहार के 9 जिलों में 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें पटना के फुलवारी शरीफ के अलावा वैशाली, मधुबनी, छपरा, अररिया, औरंगाबाद, किशनगंज, नालंदा और जहानाबाद शामिल थे। अररिया के जोकीहाट में एसडीपीआई के प्रदेश महासचिव एहसान परवेज घर भी एनआईए पहुंची थी। वैशाली में पीएफआई के जिला प्रेसीडेंट रेयाज अहमद के घर छापा मारा। छपरा में रेयाज अहमद के परिजनों से टीम ने पूछताछ की है। नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र के खासगंज मोहल्ले में एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष शमीम अख्तर के घर छापेमारी हुई थी।
जुलाई में सामने आया था, फुलवारी शरीफ का कनेक्शन
11 जुलाई को फुलवारी शरीफ के नया टोला से PFI और SDPI से जुड़े लोगों के अड्डे पर पटना पुलिस ने छापेमारी की थी। पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग जगहों से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें खुलासा हुआ था कि इनके निशाने पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, पूरे देश की व्यवस्था भी थी।
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का था प्लान
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने सात पेज का एक्शन प्लान बनाया था, जिसमें लिखा था- 10 प्रतिशत मुस्लिम साथ दें तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे। इनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित-OBC को अलग करने की भी थी। इस मामले में फुलवारी शरीफ थाना प्रभारी के बयान के आधार पर बिहार के अन्य जिलों से 26 लोगों को नामजद किया गया था। इस मामले में अभी भी 22 लोग पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था।
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