बिहार में आखिर युवा क्यों कर रहे 'अग्निपथ' का विरोध, क्या है उनकी मांग, सरकार से क्या चाहते, जानिए पूरी डिटेल

बुधवार के बाद गुरुवार को भी प्रदर्शन और बवाल जारी है। मुंगेर में पटना-भागलपुर मुख्य मार्ग को सफियाबाद के पास छात्रों ने जाम कर दिया है। नवादा में भी युवाओं ने प्रजातंत्र चौक पर जमकर बवाल काटा है। जहानाबाद और रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2022 6:38 AM IST / Updated: Jun 16 2022, 12:19 PM IST

पटना : सेना में भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ (Agnipath Scheme) को लेकर बिहार (Bihar) में बवाल मचा हुआ है। कई जिले प्रदर्शन के आगोश में हैं। युवा सड़कों पर उतर आए हैं। हाइवे, रेलवे ट्रैक जाम हैं और विरोध बढ़ता ही जा रहा है। युवाओं को केंद्र सरकार की यह नई स्कीम बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है। उनका आरोप है कि इस योजना के नाम पर उनके साथ केंद्र सरकार छल कर रही है। युवाओं का कहना है कि तीन से चार साल तक वे एग्जाम की तैयारी करते हैं। ऐसे में अगर उन्हें सिर्फ चार साल की नौकरी मिलती है तो इसका क्या ही मतलब रह जाएगा। आइए जानते हैं आखिर क्या है युवाओं की मांग और वे क्यों कर रहे हैं विरोध?

बक्सर से शुरू हुआ बवाल अन्य जिलों तक पहुंचा
अग्निपथ स्कीम के विरोध में बिहार के बक्सर से शुरू हुआ बवाल अब मुंगेर, जहानाबाद और नवादा तक पहुंच गया है। गुरुवार को इन तीनों जिलों में जमकर बवाल जारी है। इसका कारण यह है कि दो साल पहले 2020 से आर्मी में भर्ती की कई परीक्षाएं हुईं। उन परीक्षाओं में किसी छात्र का मेडिकल तो किसी का रिटेन बाकी है। ऐसे में नई स्कीम आने से सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द हो गई। पहले जो नौकरी स्थायी हुआ करती थी, वो अब सिर्फ चार साल की होगी। लिहाजा सरकारी नौकरी का सपना संजोए युवाओं को बड़ा झटका लगा है। ऐसे में युवा सरकार का विरोध करने लगे हैं।

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युवाओं का क्या कहना है
सेना भर्ती अभ्यर्थियों का कहना है कि साल 2021 में सेना में बहाली हुई थी। तब बिहार में मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों में बड़ी संख्या में युवा इसमें शामिल हुए थे। फिजिकल एग्जाम पास करने के बाद उनका मेडिकल हुआ। फिर जिन अभ्यर्थियों का मेडिकल निकल गया, वे एक साल से लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक यह परीक्षा नहीं हुई। ऐसे में सरकार अब नया नियम बना रही है। 

चार साल बाद क्या होगा
युवाओं का कहना है कि नए नियम के अनुसार चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा लेकिन बाकी के 75 फीसदी अग्निवीरों का क्या होगा? सरकार की तरफ से उन्हें 12 लाख रुपए सेवा निधी तो जरुर मिलेगी लेकिन क्या ये जीवन गुजारने के लिए काफी होगा? क्या उनके पास दूसरी नौकरी का भी विकल्प होगा? बता दें कि सेना में जितनी भी भर्तियां होंगी, वो अग्निपथ स्कीम के तहत ही की जाएंगी। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं माना जाएगा। युवाओं को भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम के तहत ही आवेदन करना होगा।

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