बिहार के इस किसान के बेटे ने अपनी लगन और मेहनत से पूरे गांव का नाम रौशन किया है। आईआईटी पास सोनू फिलहाल इसरो में बतौर साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं।
लखीसराय(बिहार): भारत के मिशन चंद्रयान-2 पर देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई थी। सोमवार दोपहर 2:43 बजे इसरो ने चन्द्रयान को लॉन्च किया गया। अमेरिका, रूस और चीन के साथ ही अब भारत भी चांद की सतह पर लैंडिंग करनेवाला चौथा देश बन गया है। मिशन मून के सफल लॉन्चिंग में एक भारत के साथ बिहार के लखीसराय जिले का भी योगदान है। बड़हिया के इंद गांव के निवासी ललन सिंह के बेटे सोनू ने बिहार का मान बढ़ाया है। सोनू भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इसरो में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं और 'मिशन मून' के वैज्ञानिकों की टीम में योगदान दिया है।
सोनू ने झोपड़ी में गुजारी स्टूडेंट लाइफ
सोनू एक बहुत ही निम्न वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखता है। उसने बचपन में काफी गरीबी देखी है। सोनू कि प्राथमिक शिक्षा बड़हिया के बालिका विद्यापीठ लखीसराय से पूरी हुई और उसने कड़ी मेहनत के बल पर आईआईटी मेंस और डब्ल्यूबी मेंस निकालकर जाधवपुर यूनिवर्सिटी बंगाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है और आज वह इसरो में बतौर वैज्ञानिक के पद पर सेवा दे रहे हैं।
पूरे गांव को है सोनू पर नाज
सोनू के पिता ललन सिंह किसान हैं। उन्होंने कहा कि पूरे गांव को उसकी इस उपलब्धि पर गर्व है। उसने हम सबका नाम रौशन किया है।