समाजवादी आइकन जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयंती पर उनके अनुयायियों को बिहार सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। सरकार ने जेपी आन्दोलन में भाग लेने वाले उनके अनुयायियों की सालों से रुकी हुई पेंशन फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है।
पटना(Bihar). समाजवादी आइकन जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयंती पर उनके अनुयायियों को बिहार सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। सरकार ने जेपी आन्दोलन में भाग लेने वाले उनके अनुयायियों की सालों से रुकी हुई पेंशन फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है। पेंशनधारी वो लोग हैं जिन्होंने 1970 के दशक में आपातकाल के दौरान जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलनों में भाग लिया था और जेल की सजा काटी थी।
बिहार के गृह विभाग की विशेष शाखा द्वारा पिछले महीने जारी आदेश के अनुसार जेपी सेनानी पेंशन योजना के लाभार्थियों के भुगतान के लिए 14.90 लाख रुपये स्वीकृत किए गए, जिनकी पेंशन विभिन्न कारणों से रोक दी गई थी। इससे पूर्व 8 अगस्त को भी जेपी आन्दोलन में शामिल लोगों की लंबित पेंशन वितरित करने के लिए 61.2 लाख रुपये जारी करने की स्वीकृति दी गई थी। गृह विभाग ने अब तक 10 पेंशनभोगियों की लंबित पेंशन जारी करने की मंजूरी दे दी है।
तकरीबन 2600 लोगों की बहाल होगी पेंशन
जेपी आन्दोलन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या लगभग 2600 है। बोर्ड को कुछ नए आवेदन भी मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है । गृह विभाग ने पिछले महीने जेपी सेनानी पेंशन योजना के 2,495 लाभार्थियों या उनके आश्रितों को भुगतान करने के लिए 2.55 करोड़ रुपये जारी किए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2009 में जयप्रकाश नारायण के नाम पर पेंशन योजना शुरू की थी, जो 1970 के दशक में आपातकाल के दौरान जेपी के नेतृत्व वाले आंदोलन में जेल की सजा काट चुके थे।
लालू यादव भी हैं जेपी पेंशन योजना में शामिल
राज्य सरकार ने पिछले साल जेपी सेनानियों के लिए पेंशन राशि बढ़ाई थी, जिन्होंने जेपी आंदोलन के दौरान जेल की सजा काटी थी। एक से छह महीने जेल में बिताने वाले जेपी सेनानी की पेंशन राशि 5000 रुपये से 7500 रुपये और छह महीने से अधिक समय तक जेल काटने वालों की पेंशन राशि 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक है। इस योजना के प्रमुख लाभार्थी राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी हैं। हालांकि सीएम नीतीश कुमार भी पेंशन के मानदंडों को पूरा करते हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए कभी आवेदन नहीं किया।