पिता मजदूरी तो मां आंगनबाड़ी में करती हैं काम, बिहार की बेटी ने कुछ यूं रोशन किया घरवालों का नाम

यदि कुछ करने का हौसला हो तो गरीबी रास्ता नहीं रोक पाती। बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाली स्वीटी कुमारी ने इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड जीतकर इसे सच कर दिखाया है। 
 

नवादा। बिहार के नवादा जिले के एक छोटे से गांव की 19 वर्षीय स्वीटी कुमारी ने इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड जीता है। स्वीटी इस अवार्ड को जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी है। इस अवार्ड को जीतकर स्वीटी ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में बिहार का नाम रोशन किया है। स्वीटी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। स्वीटी के पिता मजदूर हैं। माता आंगनबाड़ी सेविका हैं। भाई भी पहले खेलता था। लेकिन गरीबी के कारण उसका सफर आगे बढ़ने से पहले से ही रुक गया। लेकिन स्वीटी ने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए न केवल भारत के लिए कई मैच जीताऊ प्रदर्शन किए बल्कि अब इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड भी हासिल किया। 

10 लोगों को किया गया था नॉमिनेट, स्वीटी बनी नंबर वन
स्वीटी के सबसे चुनौतीपूर्ण यह था कि उसने बिहार में रहते हुए रग्बी को चुना। यूं तो रग्बी एक इंटरनेशनल खेल है। लेकिन भारत में अभी इसे खास प्रसिद्धी नहीं मिल सकी है। इसके बाद भी स्वीटी ने रग्बी को चुना, जमकर मेहनत की। रग्बी की बारिकियों को सीखा। भारतीय टीम में शामिल हुई और फिर एक के बाद एक कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते हुए आज इस मुकाम तक पहुंची। महिल रग्बी की आधिकारिक वेबसाइट स्क्रमक्वींस ने स्वीटी को इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर के अवार्ड से नवाजा है। इस अवार्ड के लिए 10 लोगों को नॉमिनेट किया गया था। पब्लिक पोल के आधार पर स्वीटी नंबर वन बनी। 

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2019 में कई टूर्नामेंट में स्वीटी का प्रदर्शन रहा अच्छा
बता दें कि इससे पहले स्वीटी को महाद्वीप की सबसे तेज खिलाड़ी भी घोषित किया जा चुका है। बीता साल 2019 स्वीटी के लिए काफी शनदार रहा था। भारत ने 2019 में रग्बी के सात टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया। जिसमें स्वीटी ने सबसे ज्यादा स्कोर करने में कामयाबी हासिल की। फिलिपींस और सिंगापुर के खिलाफ हुए मैच में स्वीटी ने लाजवाब प्रदर्शन किया था। स्वीटी को 2019 में  रग्बी अंडर 18 गर्ल्स चैंपियनशिप भुवनेश्वर, विमेंस सेवेंस ट्राफी ब्रुनेई,  एशिया रग्बी सेवेंस ट्राफी जकार्ता इंडोनेशिया 2019 में बेस्ट प्लेयर का अवार्ड मिला था। 

रोजाना गांव से पटना आकर करती थी ट्रेनिंग
सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही स्वीटी ने एथलेटिक्स के तौर पर शुरुआत की थी। उन्होंने अपने स्कूल में 100 मीटर 11.58 सेकंड में पूरा की थी। स्वीटी ने बताया कि 2014 में स्कूल की तरफ से आयोजित एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वो पटना गई  थी। जहां रग्बी के सेक्रेटरी और कोच पंकज कुमार ने स्वीटी के तेज दौड़ने की क्षमता को देखते हुए रग्बी खेलने का सलाह दिया था।  जिसके बाद वो रग्बी खेलने गई। अपनी ट्रेनिंग के लिए वो प्रतिदिन बाढ़ से पटना ट्रेन से आती थी। शुरुआत में स्वीटी के रग्बी खेलने की जानकारी घरवालों की भी नहीं थी। लेकिन जब दुबई जाना हुआ तो परिजनों को पता चला। आज स्वीटी के परिजन बेटी की कामयाबी काफी खुश है। 
 

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