CM नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को तेजस्वी यादव ने बताया सरकारी खजाना लूटने का काला अध्याय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य जल-जीवन-हरियाली योजना शरू की है। इसके लिए वो इस समय बिहार के विभिन्न जिलों की यात्रा कर रहे हैं। लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए इसे सरकारी खजाना लूटने का काला अध्याय बताया है। 
 

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य जल-जीवन-हरियाली योजना शरू की है। इस योजना के तहत पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाना है। साथ ही पोखर, आहर, पईन, कुओं का जीर्णोद्धार किया जाना है। इस योजना की सफलता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी बिहार के विभिन्न जिलों की यात्रा कर रहे हैं। लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए इसे सरकारी खजाना लूटने का काला अध्याय बताया है। तेजस्वी ने कहा कि यदि निष्पक्ष रूप से इस योजना की जांच हो तो महालूट की सारी कलई खुल जाएगी। 

24500 करोड़ रुपए की है यह योजना 
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बेरोजगार युवाओं को नौकरी ना देकर, बिहार की बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य और ध्वस्त क़ानून व्यवस्था ठीक नहीं करके माननीय मुख्यमंत्री ने चुनावी वर्ष में 24500 करोड़ की 'जल-जीवन-हरियाली योजना’ के नाम पर सरकारी खजाना लूटने का नया ‘काला अध्याय' शुरू किया है। ट्वीट के साथ-साथ उन्होंने फेसबुक पर भी इस योजना के बारे में लिखा है। फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिखते हुए तेजस्वी ने लिखा कि जल जीवन हरियाली योजना का कुल बजट 24500 करोड़ का है। योजना के पीछे नीतीश जी की यह योजना है कि कैसे चुनावी वर्ष में यह पूरा का पूरा बजट जदयू व भाजपा के कार्यकर्ताओं व नेताओं के जेबों में भरा जाए। इस योजना में सरकार की सक्रियता बस जन के धन को अपने भ्रष्ट मन के अनुसार बन्दरबांट करने में है।

Latest Videos

जदूय-भाजपा कार्यकर्ताओं की भरी जा रही जेब
उन्होंने आगे लिखा कि जल जीवन हरियाली नामक लूट योजना के तहत जदयू व भाजपा के कार्यकर्ताओं को तालाब, पोखर बनवाने या नर्सरी खोलने के लिए 30 लाख से 40 लाख तक दिया जा रहा है। बालिका गृहों की भांति इस योजना का ऑडिट या जांच निष्पक्ष, तटस्थ या गैर सरकारी स्वायत्त संस्था से करवाई जाए जहाँ किसी प्रकार का कोई हितों का टकराव ना हो, वहां इस महा लूटखसोट की सारी कलई खुल जाएगी! आधे से अधिक तालाब, नर्सरी इत्यादि के दर्शन सिर्फ़ सरकारी कागज़ पर ही होंगे, और बाकी जो वास्तविकता के धरातल पर होंगे भी तो वो या तो सरकारी ज़मीन पर या बिना अनुमति किसी और की निजी संपत्ति पर अतिक्रमण करके ही जैसे तैसे दिखावे को बन गए होंगे! अभी से ही इस घोटाले के लक्षण सम्बंधित लोगों को साफ साफ दिखने लग गए हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
फर्स्ट टाइम तिरुपति बालाजी के दरबार पहुंचे Arvind Kejriwal, बताया क्या मांगी खास मन्नत
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल