लोगों ने कहा नरक की तरह हो गई है हमारी जिंदगी, बच्चों को बिस्किट-चूड़ा खिलाकर रख रहे जिंदा

बिहार में आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए आफत की बारिश बन गई है। लोग पिछले पांच दिन से अपने घरों में कैद हैं। हजारों लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। 84 साल के एक बुजुर्ग ने बताया नरक के सामन थे उनके ये पांच दिन

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2019 2:22 PM IST / Updated: Oct 01 2019, 07:53 PM IST

पटना. बिहार में कुदरत ऐसा कहर बरपा रही है कि लोगों का यहां जीना मुश्किल हो गया है। आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए आफत की बारिश बन गई है। लोग पिछले पांच दिन से अपने घरों में कैद हैं। राज्य के हजारों लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। 84 साल के एक बुजुर्ग ने बताया नरक के सामन थे उनके ये चार दिन।

नरक की तरह हो गई है जिंदगी

पटना के 84 साल के बी.बी. त्रिपाठी ने बताया कि वह अपने घर में पांच दिन से घर में कैद हैं। उनका पूरा परिवार बंधक की तरह अपने आप को फील करने लगा है। उन्होंने बताया मेरी पत्नी शारथी, और बेटे बहू, पोते को अब तो ऐसे लगने लगा है जैसे अब तो यहीं जिंदगी खत्म हो जाएगी। 

बच्चे बिस्किट खाकर मिटा रहे अपनी भूंख

बाढ़ से ग्रसित लोगों ने मीडिया से बातचीत के दैरान बताया कि उनके घरों में खाने को अनाज नहीं बचा है। पांच दिन से उनके घरों में चूल्हा नहीं जला है। छोटे-छोटे बच्चे फल, चूड़ा, बिस्किट जैसे चीज खाकर किसी तरह अपने आप को जिंदा रखे हुए हैं। आलम ये हो गया कि लोग एक बोतल पीने की पानी को तरस रहे हैं। बच्चों की तबीयत खराब हो रही है, उनके इलाज के लिए बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं।

छतों पर गिराए जा रहे फूड पैकेट

अब तो आलम ये हो गया है कि लोगों को इधर से उधर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। पटना में सैंकड़ों नाव सड़कों पर तैर रही हैं। लोग भूख-प्यास से तड़प रहे हैं, हेलिकॉप्टर के जरिए लोगों तक खाना पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित एरिया में पीड़ित परिवारों के छत पर 'फूड पैकेट' गिराए जा रहे हैं। सुबह से लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने बचाव ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
 

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