प्रधानमंत्री की अपील के बाद रोहित अब अपने राज्य को प्राथमिकता देंगे और वैसे लोगों को अपने साथ रोजगार से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं जो लोग लॉकडाउन की वजह वापस बिहार आ गए हैं।
वैशाली। कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में देश में अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। प्रोडक्शन बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इस बीच लॉकडाउन-4 के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पेश की।
आत्मनिर्भर भारत में स्वदेशी चीजों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इस अवधारणा की एक जीती जागती मिसाल बिहार के वैशाली जिले से सामने आई है। जहां के एक युवक ने सैनिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सब्जी और फल की खेती शुरू की, आज उनका सालाना 40 लाख का टर्नओवर है।
सरकार से लोन लेकर शुरू की उन्नत खेती
ये कहानी है वैशाली के हरौली इस्माइलपुर निवासी रोहित सिंह की है, जिनकी आस-पास के गांवों में एक सफल युवा किसान की पहचान बन चुकी है। रोहित के माता-पिता खेती के साथ-साथ राजनीति और समाजसेवा से जुड़े हैं। अपने इकलौते बेटे की पढ़ाई इन्होंने सैनिक स्कूल से कराई थी।
माता-पिता की इच्छा थी कि सैनिक स्कूल से पढ़ाई कर बेटा भारतीय सेना में जाए। लेकिन रोहित को कुछ अलग ही करना था। पढ़ाई पूरी कर रोहित घर आने के बाद खेती-बाड़ी करने लगे। रोहित ने उन्नत खेती के लिए सरकार से लोन लिया और 100 एकड़ की अपनी जमीन के साथ-साथ 50 एकड़ जमीन लीज पर लेकर तरबूज-खरबूज, केला और सब्जी की खेती शुरू कर दी।
कृषि मंत्री तक कर चुके हैं तारीफ
रोहित के खेत से निकले तरबूज की डिमांड इतनी बढ़ी कि बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी भेजे जाने लगे। तरबूज के साथ-साथ रोहित जैविक विधि से फल और सब्जी की खेती करते हैं। इस काम में रोहित करीब 150 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। रोहित के साथ आस-पास के 150 किसान भी जुड़े हैं। उनका सालाना टर्न ओवर 40 लाख रुपए हैं। हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में रोहित के काम की तारीफ बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार भी कर चुके हैं। रोहित अब अपने काम को बढ़ाते हुए लॉकडाउन में वापस बिहार आ रहे लोगों को रोजगार देने का प्लान बना रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों की चेन बनाकर देंगे रोजगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान बाद रोहित अब अपने राज्य को प्राथमिकता देने की बात कह रहे हैं और वैसे लोगों को अपने साथ रोजगार से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं जो लोग लॉकडाउन की वजह से बिहार आ गए हैं और रोजी-रोटी की तलाश में हैं।
रोहित ने बताया कि वे लॉकडाउन के बीच बाहर से आए प्रवासी मजदूरों की चेन बनाएंगे और उन्हें रोजगार तो देंगे ही साथ ही आत्मनिर्भर बनने की अपील भी करेंगे। रोहित के चाचा रामनाथ सिंह भी अपने भतीजे के साथ खेती में जुड़े हुए है।