40 रोटी, 10 प्लेट चावल, 80 लिट्टी; क्वारेंटाइन सेंटर में इस शख्स की डाइट से हर कोई हैरान

बिहार के क्वारेंटाइन सेंटरों के कई मामले पहले भी सुर्खियों में आए हैं। लापरवाही से लेकर प्रवासियों के योगासन अथवा पौधरोपण किए जाने के मामले भी देखने को मिला है। लेकिन अब एक प्रवासी श्रमिक के खान-पान का डोज लोगों को हैरान कर रहा है।  
 

बक्सर। आम तौर पर कोई व्यक्ति एक बार में 6-8 रोटी, सब्जी, दाल खाता है। लेकिन यदि कोई इंसान एक बार में 40 रोटियां खाए तो हैरान होनी स्वभाविक है। बिहार के बक्सर जिले के एक क्वारेंटाइन सेंटर में एक ऐसा ही प्रवासी युवक है, जो एक बार में 40 रोटियां खा जाता है। यदि बात चावल की हो तो एक बार में 10 प्लेट चावल चट कर जाता है। हैरानी तो तब हुई जब बीते दिनों क्वारेंटाइन सेंटर में लिट्टी-चोखा बनाया गया, लिट्टी-चोखा के दिन इस शख्स ने अकेले ही 80 लिट्टियां खा लीन। प्रवासी युवक के इस असामान्य खुराक के कारण क्वारेंटाइन सेंटर की रसोइयां भी परेशान है। 

अधिकारी खुराक देख हैरान
बताया गया कि जब मामले की जानकारी सीओ-बीडीओ को दी गई तो उन्हें भी भरोसा नहीं हुआ। फिर बाद में सीओ स्वयं पहुंच कर देखे तो इस शख्स की खुराक देख हैरान रह गए। कहानी बक्सर के मंझवारी राजकीय बुनियादी विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटारइन सेंटर में रह रहे प्रवासी युवक अनूप ओझा की। अनूप सिमरी प्रखंड के खरहाटांड गांव निवासी गोपाल ओझा के पुत्र हैं। बीते एक सप्ताह पूर्व राजस्थान से वापस आए तो क्वारेंटाइन सेंटर में रख दिया गया है। अनूप के खाने की खुराक देख क्वारेंटाइन में रह रहे अन्य प्रवासियों के साथ-साथ अधिकारी की सिट्टी-पिट्टी गुम है। 

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87 प्रवासी पर खाना बनता है 100 लोगों का
मिली जानकारी के अनुसार मंझवारी स्कूल में 87 प्रवासी रह रहे हैं। लेकिन वहां 100 लोगों का खाना बनता है। क्योंकि अनूप अकेले 10 के बराबर खाता है। अनूप के गांव के लोगों का कहना है कि वो पहले से ही काफी ज्यादा खाना खाता है। शर्त लगाने पर एक बार उसने 100 समोसे खा लिए थे। अनूप एक बार में आठ-दस प्लेट चावल या फिर 35-40 रोटी के साथ सब्जी और दाल खाते हैं। हालांकि अनूप की कदकाठी सामान्य ही है। उसे देखकर कोई यह विश्वास नहीं करेगा कि वह इतना खाना एक बार में खा सकता है। लेकिन खाने बैठने के बाद फिर तो सीन देखने वाला होता है।

14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखे जा रहे प्रवासी
अनूप ने बताया कि लॉकडाउन से पहले काम की तलाश में राजस्थान गए थे। लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए। अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस लौटे हैं। बिहार सरकार की व्यवस्था के अनुसार दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जिसके बाद उन्हें होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है। ऐसे में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रखा गया अनूप अपने खान-पान को लेकर क्वारेंटाइन प्रभारियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। सीओ ने भी उसका डोज देखने के बाद उसे भरपूर खाना देने का निर्देश दिया है। 

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