फिल्म 'रण' में 2010 में रिलीज हुई थी। इसमें अमिताभ बच्चन, रितेश देशमुख, गुल पनाग, परेश रावल और सुदीप ने मुख्य भूमिका अदा की थी।
मुंबई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में शनिवार को कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया। उन्होंने अपनी अंतिम सांस दिल्ली के एम्स में ली। जेटली काफी लंबे समय से बीमार थे। उन्हें एम्स में 9 अगस्त, 2019 को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वे कानूनी और राजनीतिक मुद्दों पर अच्छी समझ रखने वाले नेता थे। उनके राजनीति के अलावा फिल्म इंडस्ट्री में भी सभी से अच्छे संबंध रहे थे। उनका स्वभाव शुरू से ही हेल्पफुल रहा था। एक बार उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म 'रण' का केस भी लड़ा था।
कंट्रोवर्सी में फंसी थी फिल्म
प्रोड्यूसर शीतल तलवार ने एक एंटरटेनमेंट साइट को दिए इंटरव्यू में बताया कि फिल्म 'रण' का प्रोमो रिलीज होते ही राम गोपाल वर्मा कंट्रोवर्सी में आ गए थे। इसकी वजह थी प्रोमो में सामने आया गाना, जो कि नेशनल एंथम में बदलाव करते हुए जन गण रन लिखे गए थे। इस सॉन्ग की ट्यून भी राष्ट्रीयगान जैसी रखी गई थी। मूवी का प्रोमो आते ही सेंसर बोर्ड ने डायरेक्टर पर बैन लगा दिया था। इसके बाद मेकर्स ने अरुण जेटली से बात की। वे जेटली से प्रोफेशनल एडवाइज लेने के लिए गए थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जेटली ने वकील होने के नाते उनका केस आसानी से ले लिया था। हालांकि वे इस बात के लिए श्योर नहीं थे कि वे केस जीतेंगे ही। लेकिन अपना बेस्ट देंगे। सभी को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है।
केस में मिली थी हार
शीतल तलवार के दिए इंटरव्यू के मुताबिक, जेटली इस केस को हार गए थे। तलवार कहते हैं कि पूर्व वित्त मंत्री एक कलाकार की क्रिएटिव आजादी का पूरा समर्थन करते थे। वो शानदार वकील थे। उनकी दलीलें लॉजिकल हुआ करती थीं। फिल्ममेकर कभी नहीं बूल सकते हैं कि जेटली ने कोर्ट में उनका केस कैसे लड़ा था। बता दें, फिल्म 'रण' में 2010 में रिलीज हुई थी। इसमें अमिताभ बच्चन, रितेश देशमुख, गुल पनाग, परेश रावल और सुदीप ने मुख्य भूमिका अदा की थी।