यह हैं हर्ष लिंबाचिया के पिता यानी प्रसिद्ध कॉमेडियन भारती सिंह के ससुर दिनेश लिंबाचिया। भारती-हर्ष की जोड़ी इस समय टेलिविजन का 'स्टार कपल' है, लेकिन यह कम लोग ही जानते हैं कि हर्ष के पिता मुंबई में एक्टर बनने आए थे। जानिए हर्ष की फैमिली से जुड़ी ये दिलचस्प बात...
मुंबई(अमिताभ बुधौलिया). मिलिए यह हैं हर्ष लिंबाचिया के पिता यानी प्रसिद्ध कॉमेडियन भारती सिंह के ससुर दिनेश लिंबाचिया। ये मुंबई में एक्टर बनने आए थे, लेकिन इस समय एक लेखक के तौर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। भारती-हर्ष की जोड़ी इस समय टेलिविजन का 'स्टार कपल' है, लेकिन कम लोग ही हर्ष के पिता के बारे में जानते हैं।
पोते का चेहरा देखकर ताजा हुईं यादें
जिस भूलाभाई देसाई मार्ग, कुंबल्ला हिल, मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल(Breach Candy Hospital) में भारती ने अपने बेटे को जन्म दिया, उसके समीप है सोफिया पॉलिटेक्निक कॉलेज(Sophia Polytechnic College)। इसी कॉलेज के ऑडिटोरिया में आज से करीब 40 साल पहले हर्ष के पिता ने अपना पहला नाटक मंचित किया था। तब उनकी उम्र यही कोई 20 साल रही होगी। 3 अप्रैल को जब दिनेश लिंबाचिया और उनकी पत्नी रीटा पहली बार अपने पोते का मुंह देखने हॉस्पिटल पहुंचे, तो उनकी पुरानी याद ताजा हो गईं। वे भावुक हो उठे। बता दें कि भारती ने रविवार शाम 4 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में सीजेरियन से बेटे को जन्म दिया है। बेटे का वजन साढे़ 3 किलो के करीब है। डिलिवरी सेलेब्रिटी डॉक्टर रुस्तम पी सूनावाला और उनकी टीम ने कराई।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर भी फैमिली की पिक्चर कम शेयर करते हैं
दिनेश लिंबाचिया ने कहते हैं-पहली बार मैंने, रीटा और भारती की बहन पिंकी ने बच्चे का चेहरा देखा था। इसके बाद हम तीनों हॉस्पिटल के नीचे ही ब्रेकफॉस्ट करने चले गए। यह एरिया मेरी पुरानी यादों से जुड़ा रहा है। इस एरिया का मुझे शुरू से ही क्रेज रहा है। सोफिया कॉलेज के ऑडिटोरियम में किए गए नाटक की यादें ताजा हो गईं। दिनेश बेहिचिक स्वीकारते हैं-वो चला नहीं, कह लो..मैं स्ट्रगल नहीं कर सका। तो रंगमंच छोड़ दिया।
अब लेखन के तौर पर पहचान बना रहे दिनेश लिंबाचिया
हर्ष के पिता पिछले कई सालों से लेखन में एक्टिव हैं। हाल में उनका नया उपन्यास-बॉम्बे टू मुंबई पब्लिश हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि दिनेश लिंबाचिया फेसबुक पर एक्टिव हैं, लेकिन वे अपनी फैमिली खासकर भारती या हर्ष के साथ न के बराबर तस्वीरें शेयर करते हैं। दिनेश कहते हैं-सबकी अपनी जिंदगी और पहचान है। मैं अपना कर्म कर रहा हूं। एक्टिंग में न सही, लेखन में कोशिश होगी कि लोग मुझे मेरे नाम और काम से जानें।