कोरोना की लड़ाई हारे दो दिग्गज: सितारवादक देबू चौधरी का संक्रमण से निधन; एक्टर बिक्रमजीत कंवरपाल भी नहीं रहे

कोरोना महामारी ने सिनेमा और कला जगत की दो मशहूर हस्तियों को हमसे छीन लिया है। टीवी और बॉलीवुड एक्टर बिक्रमजीत कंवरपाल (52) का जहां कोरोना से निधन हो गया, वहीं ख्यात सितारवादक पंडित देवव्रत चौधरी उर्फ देबू चौधरी (Debu Chaudhuri) भी कोरोना से लड़ाई हार गए और शनिवार सुबह उनका देहांत हो गया। 85 वर्षीय देबू चौधरी कोरोना संक्रमण से ग्रसित थे। 

मुंबई। कोरोना महामारी ने सिनेमा और कला जगत की दो मशहूर हस्तियों को हमसे छीन लिया है। टीवी और बॉलीवुड एक्टर बिक्रमजीत कंवरपाल (52) का जहां कोरोना से निधन हो गया, वहीं ख्यात सितारवादक पंडित देवव्रत चौधरी उर्फ देबू चौधरी (Debu Chaudhuri) भी कोरोना से लड़ाई हार गए और शनिवार सुबह उनका देहांत हो गया। 85 वर्षीय देबू चौधरी कोरोना संक्रमण से ग्रसित थे। पद्मभूषण पंडित देबू चौधरी को बुधवार रात तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिल्ली में लगे लॉकडाउन की वजह से उनके परिजनों ने मदद के लिए साउथ दिल्ली पुलिस को कॉल किया था। इसके बाद पंडित देबू चौधरी को अस्पताल पहुंचाया। उस समय उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा था। शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात उन्हें हार्ट अटैक भी आया था। 

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आर्मी ऑफिसर रह चुके हैं बिक्रमजीत कंवरपाल : 
29 अगस्त, 1968 को जन्मे 52 साल के बिक्रमजीत कंवरपाल एक्टर बनने से पहले आर्मी ऑफिसर रह चुके थे। उन्होंने आर्मी से रिटायर होने के बाद 2003 में अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। बिक्रमजीत कंवरपाल के निधन की खबर एक्टर अशोक पंडित ने सोशल मीडिया पर दी। बता दें कि बिक्रमजीत कंवरपाल ने स्पेशल ऑप्स, इल्लीगल जस्टिस, आउट ऑफ आर्डर, आपके कमरे में कोई रहता है जैसे शोज में काम किया था। इसके अलावा वो साहो, द गाजी अटैक और राकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर, कॉरपोरेट, आरक्षण, मर्डर 2, जोकर, जब तक है जान, डेंजरस इश्क, हीरोइन, हे बेबी, ग्रैंड मस्ती, हेट स्टोरी 2 जैसी फिल्मों में भी नजर आए थे। कंवरपाल ने कई फिल्मों और टीवी सीरियल में सपोर्टिंग रोल्स निभाए थे। 

दुखद: मशहूर सितार वादक पद्मभूषण देबू चौधरी का कोरोना संक्रमण के चलते निधन,  दिल्ली में चल रहा था इलाज - Entertainment News: Amar Ujala

 

29 साल पहले देबू चौधरी को मिला था पद्मभूषण : 
1935 में जन्मे देवब्रत चौधरी को भारत सरकार ने 1992 में कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इन्होंने ‘सेनिआ संगीत घराना’ के पंचू गोपाल दत्ता और संगीत आचार्य उस्ताद मुश्ताक अली खान से संगीत की शिक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने महज 4 साल की उम्र से ही सितार बजाना शुरू कर दिया था। उनकी पहली परफॉर्मेंस महज 18 साल की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो ने 1953 में प्रसारित की थी। देबू चौधरी ने भारतीय संगीत पर तीन किताबें भी लिखी हैं, जिनके नाम 'सितार एंड इट्स टेक्नीक्स', म्यूजिक ऑफ इंडिया और ऑन इंडियन म्यूजिक है। उन्होंने अमेरिका में 24 घंटे के भीतर 24 सीडी रिकॉर्ड करने का कारनामा भी किया है। अप्रैल, 2010 में उन्होंने अपने गुरू उस्ताद मुश्ताक अली खान की याद में इसी नाम से एक सेंटर फॉर कल्चर शुरू किया था। 
 

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