लता मंगेशकर को मारने की किसने रची थी साजिश, पिता की माली हालत कैसे बिगड़ी, जानिए ऐसे ही कई अनसुने किस्से

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया है. भारत रत्‍न' से सम्‍मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। आज हम आपको लता से जुड़े कई अनसुने किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें शायद ही आपने पहले सुना हो. 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 6:41 AM IST / Updated: Feb 06 2022, 12:39 PM IST

नई दिल्ली : लीजेंड्री सिंगर लता मंगेशकर (lata mangeshkar passes away) अब हमारे बीच नहीं हैं। वह ऐसी शख्सियत थीं, जिनकी जिंदगी को हर कोई करीब से जानना चाहता है। उनका शुरुआती जीवन संघर्षों में बीता। फिरभी कड़ी मेहनत कर उन्होंने सफलता हासिल की। हर किसी के लिए उनका जीवन प्रेरक साबित हो सकता है। वह अकेली ऐसी हस्ती थीं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते थे। उन्होंने कभी अहंकार नहीं किया। वह अक्सर कहती भी थीं, मैं किसी को क्या शिक्षा दूंगी। मुझे तो खुद एक गुरु की आवश्यकता है। लता मंगेशकर अपनी आवाज को मीठा और सुरीला बनाने के लिए रोज खूब सारी मिर्च खाती थीं। इसमें तीखी कोल्हापुरी मिर्च भी शामिल होती थी। पढ़िए  उनसे जुड़े कई रोचक तथ्य। 

लता जी (Lata Mangeshkar) जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ था, उनका नाम पहले  हेमा था। हालांकि, जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था।

लता मंगेशकर का जीवन संघर्षों में बिता, जिसकी वजह से लता जी कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित छह विश्वविद्यालयों ने उन्हें डायरेक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया. लता जी को अब तक भारत के तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुके हैं। लता मंगेशकर 1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय थीं।

उन्हें पहली बार मंच पर गाने के लिए उन्हें मैच ₹25 मिले थे और इसे ही वह अपने जीवन की पहली कमाई मानती हैं आपको बता दें कि संगीत की मलिका ने 1942 में पहली बार मराठी फिल्म इतिहास आल के लिए गाना गाया था और उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 

बचपन में लता जी को रेडियो सुनने का बड़ा शौक था. 18 वर्ष की थी तब उन्होने अपना पहला रेडियो खरीदा और जैसे ही रेडियो ऑन किया तो के.एल.सहगल की मृत्यु का समाचार उन्हें प्राप्त हुआ। बाद में उन्होंने वह रेडियो दुकानदार को वापस लौटा दिया। 

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पिता की मृत्यु के बाद लता जी के कंघे पर घर की जिम्मेदारी आ गई, जिसके चलते उन्होंने कभी शादी नहीं, इसका खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू में किया था. लता जी फैमिली में चार बहनें और एक भाई है. 

लता जी को अपने बचपन के दिनों में साइकिल चलाने का काफी शौक था, जो पूरा नहीं हो सका। 1974 में लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में उन्हें पहली भारतीय गायिका के रूप में गाने का अवसर प्राप्त है। उनकी ख्वाहिश थी कि वह केएल सहगल से मुलाकात करें और अभिनेता दिलीप कुमार के लिए गाना गाए, लेकिन उनके ये दोनों शौक पूरे नहीं हो सके।

लता की सबसे पसंदीदा फिल्म द किंग एंड आई थी। हिंदी फिल्मों में उन्हें त्रिशूल, शोले, सीता और गीता, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे और मधुमती पसंद थी। वर्ष 1943 में रिलीज किस्मत उन्हें इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे लगभग 50 बार देखा था। 

लता को मेकअप पसंद नहीं था। लेकिन उन्हें डायमंड रिंग पहनने का बड़ा शौक था। उन्होंने अपनी पहली डायमंड रिंग वर्ष 1947 में 700 रुपये में खरीदी थी। 
अपने करियर के शुरूआती दिनों में उन्हें डायरी लिखने का शौक था, जिसमें वह गाने और कहानी लिखा करती थी बाद में उन्होंने उस डायरी को अनुपयोगी समझ कर उसे नष्ट कर दिया था। 

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लता जी को अपने बचपन के दिनों में साइकिल चलाने का काफी शौक था, जो पूरा नहीं हो सका। उन्होंने अपनी पहली कार 8000 रुपये में खरीदी थी। वह आवाज सुरीली और मीठी करने के लिए कोल्हापुरी तीखी मिर्च खाती थीं,  वह एक दिन में वह तकरीबन 12 मिर्च खा जाती थीं, इसके अलावा उन्हें मसालेदार भोजन करने का शौक भी था. 

मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। लता को अटल बिहारी वाजपेयी अपनी बेटी मानते थे। लता जी उन्हें दद्दा कहती थीं।

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साल 1962 में जब लता जी 32 साल की थी तब उन्हें स्लो प्वॉइजन दिया गया था. लता की बेहद करीबी पद्मा सचदेव ने इसका जिक्र अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में किया है. हालांकि, उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया.

1945 में लता अपने भाई-बहनों के साथ मुंबई आ गयी और उन्होंने उस्ताद अमानत अली खान से क्लासिकल गायन की शिक्षा ली.  लताजी की फेवरेट सिंगर कोई इंडियन नहीं बल्कि विदेशी, मिस्र की उम्म कुलसुम उनकी पसंदीदा गायिका थीं. 

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लता जी ने शुरू 'ऐ मेरे वतन के लोगो गाना गाने से इनकार कर दिया था, लेकिन तब उनके पास रिहर्सल के लिए समय नहीं होता था। उन्होंने यह भी कहा कि एक किसी खास गाने पर ध्यान नहीं दे सकती। हालांकि, प्रदीप ने जब जिद्द की तो लता जी मान गईं। 

लताजी के पिता ने गोवा में आम-काजू के बागानों के साथ 2 लाख रुपए में पहाड़ खरीदा था. वह हमेशा कांजीवरम साड़ी में नजर आती थीं. वह डायट पर कंट्रोल के चलते कभी बीमार नहीं पड़ीं. 27 जनवरी को लता जी के ट्विटर अकांउट से किया गया था आखिरी ट्वीट.  

लता मंगेशकर को डूंगरपुर के राजकुमार राज सिंह से प्यार हुआ था. दोनों शादी की प्लानिंग भी कर रहे थे लेकिन राज सिंह के पिता और महाराजा महारावल लक्ष्मण सिंहजी इस शादी के खिलाफ थे. 

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