लता मंगेशकर बचपन में गरीबी की वजह से नहीं पढ़ सकीं, बड़ी हुईं तो 6 यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का बचपन गरीबी और संघर्ष में बचपन बीता, जिसकी वजह से वह पढ़ाई नहीं कर पाईं। हालांकि, 6 बड़े विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा। लता जी पर एक किताब लिखी गई है लता मंगेशकर इन हर ओन वॉयस। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 5:28 AM IST

नई दिल्ली। लता मंगेशकर ऐसी शख्सियत, जिसकी जिंदगी को हर कोई करीब से जानना चाहता है। यही नहीं, उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरक साबित हो सकता है। वह अकेली ऐसी हस्ती थीं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते थे। उन्होंने कभी अहंकार नहीं किया। वह अक्सर कहती थीं, मैं किसी को क्या शिक्षा दूंगी। मुझे तो खुद एक गुरु की आवश्यकता है। लता मंगेशकर अपनी आवाज को मीठा और सुरीला बनाने के लिए रोज खूब सारी मिर्च खाती थीं। इसमें तीखी कोल्हापुरी मिर्च भी शामिल होती थी। 

लता जी का बचपन गरीबी और संघर्ष में बचपन बीता, जिसकी वजह से वह पढ़ाई नहीं कर पाईं। हालांकि, 6 बड़े विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा। लता जी पर एक किताब लिखी गई है लता मंगेशकर इन हर ओन वॉयस। इसमें उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया है कि अभिनेता दिलीप कुमार ने कहा था कि वह मराठीभाषी हैं और इस वजह से उनकी उर्दू अच्छी नहीं है। इसके बाद लता जी ने इसे चुनौती के तौर पर लिया। उर्दू भाषा को ठीक करने के लिए उन्होंने एक शिक्षक भी रखा। 

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लता जी आगे भागती रहीं और किशोर कुमार पीछा करते रहे
लता मंगेशकर जब सात साल की थीं, तब वो इंदौर से महाराष्ट्र आ गई थीं। 40 के दशक में जब लता मंगेशकर ने फिल्मों में गाना शुरू किया था, तब वो घर से लोकल ट्रेन पहनकर मलाड जाती थीं। वहां से वो बॉम्बे टॉकिज स्टूडियो पैदल जाती थीं। रास्ते में किशोर कुमार भी मिलते थे, लेकिन दोनों एकदूसरे को नहीं पहचानते थे। लता जी के मुताबिक, किशोर कुमार रास्ते में अक्सर अजीब हरकत करते। कभी उन्हें घूरते रहते तो हाथ में छड़ी लेकर तेजी से घुमाते रहते। एक रोज एक ही स्टूडियो में दोनों को जाना था। आगे-आगे लता जी चल रही थीं और पीछे मस्ती करते किशोर कुमार। लता जी किसी तरह भागते हुए स्टूडियो में गईं और खेमचंद प्रकाश से कहा, चाचा यह लड़का मेरा पीछा कर रहा है। इस पर उन्होंने कहा, अरे ये तो किशोर है अशोक कुमार का छोटा भाई। यह भी हमारी फिल्म में गाना गा रहा है। इस तरह दोनों की मुलाकात हुई। 

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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था। वह पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था। वह शास्त्रीय संगीतज्ञ और रंगमंच के मशहूर कलाकार थे। उनका देहांत वर्ष 1942 में हुआ था। इसके बाद बहन मीना, उषा और आशा तथा भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर की परवरिश की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। लता मंगेशकर ने करीब 30 हजार फिल्मों में गाना गया था। उन्हेंने अंतिम गाना वर्ष 2011 में सतरंगी पैराशूट गाया था। उन्होंने दस फिल्मों में गाना गाया, जिसमें बड़ी मां, जीवन यात्रा जैसी मशहूर फिल्में भी शामिल हैं। 

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