एक्टर पर एक एक्ट्रेस ने बलात्कार और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया है। एक्ट्रेस ने बताया कि शादान फारूकी से अक्टूबर 2019 में एक पार्टी के दौरान मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच प्यार हो गया।
मुंबई. दिंडोशी सेशंन कोर्ट ने अभिनेता शादान फारूकी की अग्रिम जमानत याचिका को एक मामले में खारिज कर दिया है। एक्टर पर एक एक्ट्रेस ने बलात्कार और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया है। एक्ट्रेस ने बताया कि शादान फारूकी से अक्टूबर 2019 में एक पार्टी के दौरान मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच प्यार हो गया। इसके बाद एक्टर महिला के घर रहने चला गया। दोनों ने शादी का फैसला किया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सितंबर 2020 में, अदाकारा गर्भवती हो गई और शादान फारूकी ने कथित तौर पर उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया। एक्ट्रेस इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाई और खुद की जान लेने की कोशिश की।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिकायतकर्ता एक्ट्रेस ने आरोप लगाया है कि शादान फारूकी ने उसका शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया। इसके बाद भी एक्ट्रेस शादान को अपने घर पंजाब ले गई। नवंबर 2020 में एक्ट्रेस ने उसे अपने पैरेंट्स से मिलवाया कि वो इससे अपनी जिम्मेदारी पर शादी करने जा रही हैं। जब उनके परिवार ने इसकी मंजूरी दे दी तब उसने रिश्ता तोड़ लिया। साल 2021 में शादान ने एक्ट्रेस से यह कहते हुए रिश्ता तोड़ लिया कि वो शादी नहीं कर सकता है क्योंकि वे अलग समुदाय से संबंध रखते हैं।
शादी के इंकार करने के बाद महिला ने मामला दर्ज कराया
शादी से इंकार करने के बाद महिला ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। इस मामले को लेकर फारूकी की तरफ से केस लड़ रहे वकील आरेज बद्दाम ने कोर्ट से कहा कि दोनों के बीच सहमति से संबंध थे। वह (शादान) पुलिस जांच में सहयोग के लिए तैयार है। इसके अलावा, वकील ने कहा कि हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि फारूकी अदालत द्वारा उन पर लगाई गई किसी भी शर्त का पालन करने के लिए तैयार है।
पीड़ित महिला के वकील ने हिरासत में लेने की मांग की
वहीं पीड़ित महिला की तरफ से केस लड़ रहे वकील अली काशिफ खान और रिया जैन ने फारूकी को अग्रिम जमानत देने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने शिकायतकर्ता और फारूकी के बीच तस्वीरें और चैट जमा की और कहा कि विस्तृत जांच के लिए हिरासत आवश्यक है।
सरकारी वकील ने भी जमानत अर्जी का विरोध किया
सरकारी वकील वाईडी आंबेकर और मामले के जांच अधिकारी ने भी फारूकी की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और फारूकी का मेडिकल परीक्षण किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो वह अभियोजन पक्ष के गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और महिला पर दबाव बना सकते हैं।
कोर्ट ने तमाम पहलुओं को देखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज एमआई लोकवानी ने कहा, 'फारूकी पर गंभीर आरोप हैं कि उसने शादी का झांसा देकर महिला से शारीरिक संबंध बनाए और उसे प्रेग्नेंट कर दिया। उसने उसेअबॉर्शन कराने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उसने महिला से शादी करने से इंकार कर दिया। प्राथमिकी से पता चलता है कि अपराध गंभीर प्रकृति का है। जांच प्रगति पर है। इस परिस्थिति में अगर फारूकी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वो मुखबिर और अभियोजन पक्ष के गवाहों को दबाने की कोशिश कर सकता है। इसलिए अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है।
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