कोविड की वजह से प्रभावित शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एक डिजिटल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी, जिसमें कई भाषाओं में पढ़ाई होगी। देश की टॉप यूनिवर्सिटी को भी इस प्रोग्राम से जोड़कर शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जाएगा।
नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2022-23 के लिए आम बजट (Budget 2022) किया। इस बजट में उन्होंने डिजिटल एजुकेशन पर जोर दिया। जैसा कि आप जानते हैं कोरोना महामारी के कारण बीते दो सालों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऐसे में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने रोजगार के भी दावे किए हैं। आइए जानते हैं वित्त मंत्री के टैबलेट से स्टूडेंट्स के लिए क्या-क्या निकला। बता दें कि ये अब देश में पेपरलेस बजट पेश किया जाता है।
केन्द्रीय वित्तमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत 200 ई-विद्या टीवी चैनल खोले जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाकर कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चे ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में भी शिक्षा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
डिजिटल यूनिवर्सिटी में कई भाषा में पढ़ाई होगी
कोविड की वजह से प्रभावित शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। एक डिजिटल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी, जिसमें कई भाषाओं में पढ़ाई होगी। देश की टॉप यूनिवर्सिटी को भी इस प्रोग्राम से जोड़कर शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देशभर में करीब 2 लाख आंगनवाड़ियों को मॉडर्न बनाया जाएगा।
रोजगार के लिए क्या मौके
वित्तमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी जबकि 60 लाख नौकरियां मेक इन इंडिया के तहत दी जाएंगी। वहीं, उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों को नई सिरे से शुरू किया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा।
2021 में कौन-कौन सी हुई थी घोषणाएं
इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और डिप्लोमा धारकों की शिक्षा के बाद इंटरप्रेन्योरशिप, ट्रेनिंग की दिशा में नेशनल राष्ट्रीय इंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) को दोबारा चलाने के लिए 3,000 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया था।
युवाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए इंटरप्रेन्योरशिप अधिनियम में सुधार का प्रस्ताव दिया गया था।
2024 तक रिसाइंकिलिंग की मौजूदा क्षमता को मौजूदा 4.5 मिलियन लाइट डिस्प्लेसमेंट टन (एलडीटी) से बढ़ाकर दोगुना करने का एलान किया गया था। जिससे डेढ़ लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा होती।
संयुक्त अरब अमीरात के साथ कौशल योग्यता, मूल्यांकन, प्रमाणीकरण और प्रमाणित श्रमिकों की तैनाती करने का एलान किया गया था।
जापान के साथ कौशल, तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण के लिए सहयोगपूर्ण अंतर-प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटी) की घोषणा की गई थी।
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