Budget 2022: राकेश टिकैत बोले-नकली किसानों के लिए कृषि बजट, चिदंबरम ने बताया बजट को गरीबों का मजाक उड़ाने वाला

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय बजट-2022 में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं को लेकर निराशा प्रकट की है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए आम बजट को अब तक का सबसे पूंजीवादी बजट बताया है।

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय बजट-2022 में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं को लेकर निराशा प्रकट की है। कृषि उद्योग के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बताए गए उपायों पर टिप्पणी करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा घोषित सुधार 'असली किसानों' के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर भी कोई बात नहीं की है। 

डिजिटलीकरण का फायदा नकली किसानों को अधिक

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राकेश टिकैत ने कहा कि डिजिटलीकरण का लाभ जमीन पर किसानों तक नहीं पहुंचेगा, लेकिन इस कदम से 'नकली किसानों' को फायदा होगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे केवल नकली किसानों को फायदा होगा और सभी नकली किसान उनकी पार्टी (भाजपा) के हैं।

'रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती' को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास पर टिप्पणी करते हुए राकेश टिकैत ने 'जीएमओ' (आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव- पौधे, जानवर) के उपयोग पर सरकार के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, "सरकार जीएमओ के बारे में क्या सोचती है, जो रासायनिक खेती से भी ज्यादा हानिकारक हैं?"

चिदंबरम का तंज-वित्तमंत्री जी को धन्यवाद गरीब को याद करने पर

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए आम बजट को अब तक का सबसे पूंजीवादी बजट बताया है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, "आज का बजट भाषण किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था। 'गरीब' शब्द पैरा 6 में केवल दो बार आता है और हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि इस देश में गरीब लोग भी हैं। लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे।"

पी चिदंबरम ने कहा, "मैं चकित, स्तब्ध था कि वित्त मंत्री अगले 25 वर्षों के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार कर रही थीं। सरकार को लगता है कि वर्तमान पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है और जनता को 'अमृत काल' के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने के लिए कहा जा सकता है। यह भारत के लोगों का मजाक उड़ाया जाना है।" 

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