देश में 20,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ और सबसे अच्छी बात यह रही कि चीनी सामान की बिक्री नहीं हुई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि इससे पहले चीन भारत को हर साल लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की मुख्य रूप से रंगों, खिलौनों, गुब्बारों आदि का निर्यात करता था।
बिजनेस डेस्क। बीते दो सालों से होली के त्योहार पर कारोबारियों की होली काफी बेरंग साबित हो रही थी, लेकिन इस साल होली के कारोबार में बड़ा उछाल देखने को मिला है। इस साल होली के त्योहार की बिक्री (Holi Festival Sales) दिल्ली सहित देश में व्यापार के लिए एक जबरदस्त वरदान साबित हुई और जिसका देश के रिटेल सेक्टर को बेसब्री से इंतजार था। पिछले साल की तुलना में होली के मौके पर होली के त्योहार की बिक्री में में लगभग 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
होली पर हुआ 20 हजार करोड़ रुपए का कारोबार
एक अनुमान के मुताबिक होली पर देश में 20,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ और सबसे अच्छी बात यह रही कि चीनी सामान की बिक्री नहीं हुई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि इससे पहले चीन भारत को हर साल लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की मुख्य रूप से रंगों, खिलौनों, गुब्बारों आदि का निर्यात करता था। अब होली के कारोबार से बड़े उत्साह के साथ, देश भर के व्यापारी अप्रैल-मई महीने में आगामी शादियों के मौसम के लिए कमर कस रहे हैं, जिससे उन्हें उम्मीद है कि बड़ा कारोबार होगा। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार देश भर में 40 हजार से अधिक ट्रेड एसोसिएशन हैं, जो 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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जमकर हुई खरीदारी
कैट के महासचिव खंडेलवाल ने कोविड से लडऩे में अपने प्रबंधकीय कौशल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए जिससे व्यापारियों और जनता को दो साल के बाद बड़े उत्साह और भावना के साथ होली का त्योहार मनाने में मदद मिली। हर्बल रंग और गुलाल, वाटर गन, गुब्बारे, चंदन, ड्रेस सामग्री जैसी देशी वस्तुओं की भारी बिक्री दर्ज की गई, जबकि दूसरी ओर मिठाई, सूखे मेवे, उपहार की वस्तुएं, कपड़ा, फूल और फल, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, पूजा सामग्री आदि की भी जबरदस्त बिक्री हुई, जो भविष्य में व्यापार के लिए बेहतर दिनों का संकेत दे रही थी।
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दिल्ली में हुए 3 हजार से ज्यादा कार्यक्रम
खंडेलवाल ने आगे कहा कि सामूहिक सभाओं, होली मिलन समारोहों और नुक्कड़ पर टांगों के माध्यम से होली मनाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है और छोटे व्यापारियों को व्यापार का एक बड़ा लाभ प्रदान कर रही है। इस तरह के लाखों कार्यक्रम देश में आयोजित किए गए। अकेले दिल्ली में ही 3 हजार से ज्यादा ऐसे होली गेट-टुगेदर हुए। इसके अलावा, इस वर्ष बड़ी संख्या में अन्य विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था और विशेष रूप से होली से एक सप्ताह पहले बाजारों में खरीदारी के लिए देश भर के विभिन्न बाजारों में बड़ी संख्या में लोग निकले।