सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 10 महीने में 4.50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने फास्टैग (Fastag) का इस्तेमाल किया है। जिससे सरकार की 26600 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई हुई है।
बिजनेस डेस्क। देश के लोग स्मार्ट होते जा रहे हैं अब वो टोल टैक्स के लिए के रुकने की जगह फास्टैग (Fastag) का यूज कर रहे हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 10 महीने में 4.50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने फास्टैग का इस्तेमाल किया है। जिससे सरकार की 26600 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई हुई है। खास बात तो ये है कि 2021-22 वित्त वर्ष खत्म होने अभी दो महीने का समय बाकी है और टोल रेवेन्यू (Toll Revenue) वो भी फास्टैग के थ्रू 20 हजार रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है, जो बीते वित्त वर्ष के मुकाबले करीब 6 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। वहीं यह लगातार दूसरा वित्त वर्ष होगा कि फास्टैग से रेवेन्यू 20 हजार करोड़ रुपए के पार गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़ें जारी किए गए हैं।
कितनी हुई कमाई
मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल से लेकर जनवरी तक टोल से गुजरने वाले 4.59 करोड़ लोगों ने फास्टैग का इस्तेमाल किया है। जिससे सरकार को 26622.93 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। इसका मतलब है कि औसतन सरकार को इस दौरान करीब 2662 करोड़ रुपए का फास्टैग से रेवेन्यू मिला है। जब से फास्टैग इस्तेमाल होना शुरू हुआ है, तब से यह रेवेन्यू का आंकड़ा सबसे बेहतर देखने को मिला है।
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लगातार दूसरे साल 20 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार
यह लगातार दूसरा साल है जब फास्टैग से सरकार को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में 20837.08 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष अभी दो महीने बाकी बचे हैं। अगर इसी औसत के साथ कमाई हुई तो आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा यानी बीते वित्त वर्ष के मुकाबले 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई देखने को मिलेगी। वैसे वित्त वर्ष 2020-21 में भी उससे पहले वाले वित्त वर्ष से करीब 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2019-20 में फास्टैग के थ्रू होने वाली कमाई 10728.52 करोड़ रुपए थी।
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12.5 लाख रिफंड मामले निपटाए
जनवरी 2020 से 5 फरवरी, 2022 तक, FASTag यूजर्स से की गई गलत कटौती के लिए लगभग 12.5 लाख रिफंड केसों का निपटाया गया है। FASTag कार्यक्रम के तहत, संबंधित जारीकर्ता बैंक द्वारा जांच और वेरिफिकेशन के बाद धनवापसी की प्रक्रिया की जाती है, जो वेनिफिशरी की ओर से दिए गए साक्ष्य विवरणों के आधार पर होती है। यूजर उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा पर FASTag के माध्यम से किसी भी गलत कटौती की घटना को कम करने / समाप्त करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर कई उपाय किए गए हैं।