रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने यह ऐलान किया है कि अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (AIDA) और सऊदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) संयुक्त रूप से रिलांयस के फाइबर कारोबार में 1.01 बिलियन डॉलर (करीब 7558 करोड़ रुपए) का निवेश करेंगे।
बिजनेस डेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने यह ऐलान किया है कि अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (AIDA) और सऊदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) संयुक्त रूप से रिलायंस के फाइबर कारोबार में 1.01 बिलियन डॉलर (करीब 7558 करोड़ रुपए) का निवेश करेंगे। यह निवेश फाइबर-ऑप्टिक एसेट्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के जरिए किया जाएगा। जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड (Jio Digital Fibre Private Limited) के पास पूरे देश में जियो के फाइबर नेटवर्क का स्वामित्व है।
दोनों फंड कितना करेंगे निवेश
रिलायंस की ओर से बताया गया है कि AIDA और PIF अलग-अलग InvIT के जरिए 3779-3779 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। रिलायंस ने कहा है कि RIL की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स लिमिटेड (RIIHL) ने डिजिटल फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (DFIT) के रि-कैपिटाइलेजशन का काम पूरा कर लिया है। आरआईआईएचएल के पास InvIT की स्पॉन्सरशिप रहेगी। रिलायंस ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड को निवेश के बदले InvIT में कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।
जियो प्लेटफॉर्म्स में भी कर चुके हैं निवेश
रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms) की हिस्सेदारी बेच कर 1,52,097 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें भी इन दोनों सॉवरेन फंड ने निवेश किया था। रिलायंस जियो को एसेट-लाइट डिजिटल कंपनी बनाना चाहती है। इसके साथ ही वह 5G सर्विसेस शुरू करने की योजना पर भी काम कर रही है।
टेलिकॉम टावर एसेट्स के लिए मिले 25,215 करोड़
पिछले सास रिलायंस को टेलिकॉम टावर एसेटेस कारोबार की InvIT होल्डिंग्स के लिए 25,215 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है। यह निवेश कनाडा की ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट (Brookfield Asset Management) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से मिला था। रिलायंस ने मार्च 2019 में अपनी टेलिकॉम सब्सिडियरी रिलायंस जियो को फाइबर और टावर कारोबार से अलग किया था। अब ये दोनों कंपनियां अलग यूनिट के तौर पर काम करती हैं। रिलायंस जियो इन्फोकॉम (Reliance Jio Infocomm) इनकी स्पॉन्सर कंपनी है। जानकारी के मुताबिक, रिलायंस InvIT की भी स्पॉन्सर बनी रहेगी और उसमें कम से कम अपनी 15 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी।