कर्ज में डूबी एयर इंडिया को 8 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा, इस कीमत में खरीद सकते हैं नई एयर लाइन

लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही एअर इंडिया को फाइनेनशियल ईयर 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ। एअर इंडिया बड़े कर्ज के तले से दबी हुई है। अधिक ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2019 4:49 AM IST / Updated: Sep 16 2019, 11:02 AM IST

नई दिल्ली. लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही एअर इंडिया को फाइनेनशियल ईयर 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ। एअर इंडिया बड़े कर्ज के तले से दबी हुई है। अधिक ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा। जितना घाटा एअर इंडिया को एक साल में हुआ उतने में एक नई एयरलाइंस शुरू की जा सकती है।

स्पाइसजेट की मार्केट कैपिटल सिर्फ 7,892 करोड़ रुपये
बता दें कि एयरलाइंस स्पाइसजेट की मार्केट कैपिटल सिर्फ 7,892 करोड़ रुपये ही है। यानी 8,000 करोड़ रुपये से कम राशि में ही इस एयरलाइंस को खरीदा जा सकता है। एयर इंडिया की फाइनेनशियल ईयर 2018-19 में टोटल इनकम 26,400 करोड़ रुपये थी। इस समय कंपनी को 4,600 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस उठाना पड़ा। तेल के बढ़ते दाम और भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया था जिसके बाद एयर इंडिया को रोज 3 से 4 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। कंपनी के वरिष्ठ अधि‍कारी का कहना है कि जून की तिमाही में सिर्फ पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से एअर इंडिया को 175 से 200 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ।

पाक एयरस्पेस बंद होने से करोड़ का नुकसान
सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो उसके अनुसार 2 जुलाई तक एअर इंडिया को पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से 491 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बता दें कि पाकिस्तान ने पहले फरवरी में बालाकोट स्ट्राइक के बाद अपने एयरस्पेस बंद किए थे, जिसके बाद इसे जुलाई में खोल दिया था। अगस्त में भारत सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद बने माहौल में पाकिस्तान ने फिर अगस्त के अंत में अपने एयरस्पेस बंद कर दिए। इस दौरान निजी एयरलाइंस स्पाइसजेट को 30.73 करोड़ रुपये, इंडिगो को 25.1 करोड़ रुपये और गोएयर 2.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

अधिकारियों की उम्मीद कायम
बावजूद इसके अधिकारियों को उम्मीद है कि इस फाइनेनशियल ईयर 2019-20 के आखिरी तक कर्ज में डूबी एअर इंडिया एक बार फिर मुनाफे में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि ईंधन के दाम अब और न बढ़ें और विदेशी मुद्रा में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आए तो एअर इंडिया को इस साल 700 से 800 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग फायदा हो सकता है। अदिकारी के अनुसार एअर इंडिया में लोड फैक्टर यानी सीट ऑक्यूपेंसी या यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रहा है। एअर इंडिया फिलहाल 41 इंटरनेशनल और 72 डोमेस्टिक डेस्टीनेशन तक अपनी उड़ानों का संचालन करती है।

एअर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज
एअर इंडिया पर कुल 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसे चुकाने के लिए एयरलाइंस को सालाना 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। एयरलाइंस को सुधारने के लिए कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं। एक स्पेशल परपज व्हीकल एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) की स्थापना की गई है और अगले कुछ हफ्तों में 22,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है। 7,000 करोड़ रुपये का ऐसा पहला बॉन्ड 16 सितंबर को जारी किया जा सकता है।

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