कोरोना इफेक्‍ट: सेंसेक्स में 3000 अंक से ज्यादा की गिरावट, 45 मिनट के लिए बंद हुआ कारोबार

कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने के बाद से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है इस क्रम में शेयर बाजार के लिए आज का दिन काफी बुरा रहा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2020 4:39 AM IST / Updated: Mar 13 2020, 10:40 AM IST

बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस के महामारी घोषित होने के बाद से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है। इस क्रम में शेयर बाजार के लिए आज का दिन काफी बुरा रहा। मार्केट खुलते ही बीएसई सेंसेक्स 3,090 अंक तक लुढ़क गया और 29,687 के स्तर पर आ गया। 

इसके अलावा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 966 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है और 8,624 के स्तर पर आ गया है।। सेंसेक्स शुरुआती सत्र में 2,548.94 अंकों की गिरावट के साथ 30,229.20 पर खुला, निफ्टी 729.95 अंक फिसलकर 8,860.20 पर पहुंची।

45 मिनट के लिए कारोबार बंद

सेंसेक्स, निफ्टी के लोअर सर्किट छूने के बाद में शेयर बाजार में 45 मिनट बंद कर दिया गया था जिसके बाद ट्रेडिंग चालू कर दी गई थी। आपको बता दें की जब बाजार में लोअर सर्किट लग जाता है, तब कुछ देर के लिए कारोबार पर रोक लगा दी जाती है। इससे पहले 17 मई 2004 में P-NOTE के चलते बाजार गिरा था।  

निफ्टी में कब लगता है सर्किट

अगर बाजार के खुलने के बाद निफ्टी 1 बजे तक  9,413 का स्तर छू लेता है तो मार्केट में पहला सर्किट लगता है और इस सर्किट के बाद  ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए होल्ड कर दी जाती है। वहीं अगर 1 बजे के बाद और 2 बजे से पहले निफ्टी 8,869 के स्तर पर जाता है तो 1 घंटा 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जायेगी और दूसरा लोअर सर्किट लगेगा। वहीं 2 बजे के बाद अगर निफ्टी 8,366 के स्तर पर आ जाता है तो  तो इस स्थिति में ट्रेडिंग बचे हुए पूरे दिनभर के लिए बंद कर दी जाएगी।

कल भी लग सकता था सर्किट

इससे पहले गुरुवार को शेयर बाजार में इतिहास ही सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स में 3,100 अंकों की गिरावट आई थी। अब शुक्रवार को बाजार खुलते ही एक बार फिर गिरावट का दौर शुरू हो गया। बीते दो दिनों में ही सेंसेक्स 6,000 अंक लुढ़क गया है। ऑटो सेक्टर की कंपनियों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मारुति और टेक महिंद्रा के शेयर 10 पर्सेंट तक लुढ़क गए हैं। भारत के अलावा एशिया के कई बाजारों में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है।

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