अमेरिका में पिछले सप्ताह घोषित भारी भरकम राहत पैकेज का उत्साह ठंडा पड़ने के साथ ही निवेशकों की चिंता एक बार फिर कोरोना वायरस महामारी और उससे हो रही मौतों के आंकड़ों पर टिक गईं
हांगकांग: अमेरिका में पिछले सप्ताह घोषित भारी भरकम राहत पैकेज का उत्साह ठंडा पड़ने के साथ ही निवेशकों की चिंता एक बार फिर कोरोना वायरस महामारी और उससे हो रही मौतों के आंकड़ों पर टिक गईं, जिसके चलते वॉल स्ट्रीट में गिरावट हुई, जिसका असर एशियाई बाजारों पर भी देखने को मिला।
इस महामारी के चलते करीब 40 प्रतिशत वैश्विक अर्थव्यवस्था लॉकडाउन है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट विश्वव्यापी मंदी का कारण बन सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले दिन और मुश्किल भरे हो सकते हैं, क्योंकि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और आपातकालीन प्रतिबंधों को एक महीने के लिए और बढ़ा रहे हैं।
अमेरिका में बढ़ सकता है मौत का आकड़ा
इस बीच वरिष्ठ अमेरिकी वैज्ञानिक एंथोनी फौसी ने आशंका जताई है कि कोविड-19 महामारी से अमेरिका में दो लाख लोगों की मौत हो सकती है। इन हालात के बीच एशियाई बाजारों में गिराटव देखने को मिली। टोक्यो तीन प्रतिशत से अधिक नीचे चला गया, जबकि हांगकांग, शंघाई और ताइपे में सुबह के कारोबार के दौरान एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी।
सिडनी में दो प्रतिशत से अधिक की तेजी
सियोल में दो प्रतिशत और मनीला में 2.5 प्रतिशत, जबकि जकार्ता में चार प्रतिशत से अधिक गिरावट रही। दूसरी ओर सिडनी में दो प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई। मंदी की आशंका के चलते सिंगापुर चार प्रतिशत से अधिक गिर गया। नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक के रोड्रिगो कैट्रिल ने कहा, ‘‘बाजारों के लिए बड़ा सवाल यह है कि अभी तक घोषित भारी भरकम प्रोत्साहन क्या कोविड-19 महामारी से लगे झटके से वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पर्याप्त होगा।’’
उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब देने के लिए महामारी की भयावहता और रोकथाम के उपायों को जानना होगा, जो अभी अज्ञात है और यही बाजार की चिंता की सबसे बड़ी वजह है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)