आम आदमी को लगा बड़ा झटका, 13.11 फीसदी के लेवल पर पहुंची फरवरी में थोक महंगाई

14 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) पर आधारित भारत की महंगाई (Inflation in India) जनवरी में 12.96 फीसदी की वृद्धि की तुलना में फरवरी में बढ़कर 13.11 फीसदी हो गई। फरवरी 2021 में डब्ल्यूपीआई (WPI) 4.83 फीसदी था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 14, 2022 8:04 AM IST

बिजनेस डेस्क। महंगाई के मामले में आम जनता को फिर से झटका लगा है। कॉमर्स मिनिस्ट्री द्वारा 14 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) पर आधारित भारत की महंगाई (Inflation in India) जनवरी में 12.96 फीसदी की वृद्धि की तुलना में फरवरी में बढ़कर 13.11 फीसदी हो गई। फरवरी 2021 में डब्ल्यूपीआई (WPI) 4.83 फीसदी था। इस बीच, विनिर्मित खाद्य उत्पादों और कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में नरमी के कारण, जनवरी में, भारत की थोक महंगाई नवंबर में उच्च स्तर को छूने के बाद तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई थी। अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया कि रूस और यूक्रेन के आसपास के जियो पॉलिटकिल टेंशन के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अगले महीनों में मूल्य वृद्धि की दर दोहरे अंकों में बनी रहेगी।

इस वजह से बढ़ी महंगाई
हालांकि, खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति फरवरी में 10.33 फीसदी से घटकर 8.19 फीसदी हो गई। फरवरी में सब्जियों की महंगाई दर 26.93 फीसदी थी, जो इससे पिछले महीने 38.45 फीसदी थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2022 में महंगाई की हाई दर, मुख्य रूप से इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

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तेल और बिजली दोनों में इजाफा
विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में 9.84 फीसदी रही, जो जनवरी में 9.42 फीसदी थी। ईंधन और बिजली में, महीने के दौरान मूल्य वृद्धि की दर 31.50 प्रतिशत थी। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण कच्चे पेट्रोलियम की महंगाई  फरवरी के दौरान बढ़कर 55.17 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने 39.41 फीसदी थी। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अपनी प्रमुख रेपो दर को बनाए रखा - जिस पर वह बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है - विकास को समर्थन देने के साथ-साथ मुद्रास्फीति के दबावों का प्रबंधन करने के लिए लगातार 10वीं बार 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहा।

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