Income Tax Portal पर टैक्सपेयर्स के रजिस्टडर्ड अकाउंट के जरिए जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को टैक्सपेयर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के जरिए प्रूफ माना जाएगा। करदाता इस Portal पर रजिस्टडर्ड अकाउंट में लॉगइन करके रिकॉर्ड जमा करता है, तो यह माना जाएगा कि ये दस्तावेज ईवीसी द्वारा सत्यापित है।
बिजनेस डेस्क । केंद्र सरकार ने अपने करदाताओं के लिए बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने रिकॉर्ड के सत्यापन को सरल बनाने को लेकर इनकम टैक्स नियम में बदलाव किए हैं। अब इनकम टैक्स पोर्टल (Income Tax Portal) पर टैक्सपेयर्स के पंजीकृत खाते से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज को करदाताओं के इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) के जरिए प्रमाणित माना जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (C) ने अधिकारी और करदाताओं की प्रत्यक्ष उपस्थिति के बिना Faceless Assesment कार्रवाई में जमा रिकॉर्ड के सत्यापन को सरल बनाने को लेकर 6 सितंबर को ये बदलाव किए हैं।
वित्त मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक amended rules में यह प्रावधान किया गया है कि Income Tax Portal पर टैक्सपेयर्स के रजिस्टडर्ड अकाउंट के जरिए से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को टैक्सपेयर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के जरिए प्रूफ माना जाएगा। यदि कोई व्यक्ति Income Tax Portal पर अपने रजिस्टडर्ड अकाउंट में लॉगइन करके इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जमा करता है, तो यह माना जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ईवीसी द्वारा सत्यापित किया गया है।
डिजिटल साइन से होगा प्रूफ
वित्त मंत्रालय के मुताबिक यह प्रोसेस कंपनियों या टैक्स ऑडिट मामलों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। इसमें डिजिटल साइन के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रूफ करना जरुरी है। इस संबंध में विधि अनुसार जो संशोधन करने होंगे वो किए जाएंगे ।
CII ने कराया था व्यापक सर्वे
CII के सर्वे में ये तथ्य सामने आया है कि Faceless Assesment से कर प्रशासन की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार होगा, वहीं अधिकारियों की ओर से इंटरफेस को कम करने और अनउपयोगी एक्सरसाइज को कम करने के दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।
पेंडिंग टैक्स निपटाने के लिए अप्लाई इस तारीख तक करें
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी का पेंडिंग टैक्स को लेकर कोई मामला है तो उसे सुलझाने के लिए 30 सितंबर तक इनकम टैक्स के अंतरिम बोर्ड को दिया जा सकता है. यह मोहलत वैसे टैक्सपेयर्स को मिल रही है जिनका मामला इनकम टैक्स सेटलमेंट कमिशन (ITSC) में पेंडिंग है।
सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन
फेसलेस असेसमेंट प्रक्रिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, सरकार ने आयकर नियम, 1962 ('नियम') में अधिसूचना संख्या जी.एस.आर. 616 (ई) दिनांक 6 सितंबर, 2021 में संशोधन किया है। संशोधित नियमों के अनुसार आयकर विभाग के पोर्टल में करदाताओं के पंजीकृत खाते के माध्यम से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) को करदाता खुद प्रमाणित कर सकेगें। इसलिए, जब कोई व्यक्ति आयकर विभाग के पोर्टल में अपने पंजीकृत खाते में लॉग इन करके एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जमा करेगा तो यह माना जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड आयकर अधिनियम, 1961 ('अधिनियम') की धारा 144बी (7) (आई) (बी) के प्रयोजनों के तहत ईवीसी द्वारा प्रमाणित किया गया है।
हालांकि, अधिनियम की धारा 144बी(7)(आई)(बी) के मौजूदा प्रावधानों के तहत, ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की यह आसान प्रक्रिया कुछ व्यक्तियों (जैसे कंपनियों, टैक्स ऑडिट मामलों, आदि) के लिए उपलब्ध नहीं है। उनके लिए डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित कराना अनिवार्य है। इन व्यक्तियों को ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की आसान प्रक्रिया का लाभ देने के लिए, इन व्यक्तियों के लिए भी ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की आसान प्रक्रिया का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए, जिन व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित करने की आवश्यकता होती है, उनके भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित माना जाएगा। जब वे आयकर विभाग के पोर्टल में अपने पंजीकृत खाते के माध्यम से रिकॉर्ड जमा करेंगे तो उसे प्रमाणित माना जाएगा। इस संबंध में जरूरी संशोधन तय समय में प्रस्तावित किए जाएंगे।