Amazon, Flipkart, की अनियमितताओं को लेकर को व्यापारियों में खासा रोष है। CAIT के मुताबिक, "भारत में फॉरेन फंडेड ई-कॉमर्स कंपनियों के अपनाए जा रहे गलत तरीकों से देश का व्यापारी वर्ग नाराज है, देश के व्यापारियों ने इसका विरोध करने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
बिजनेस डेस्क । CAIT यानि ट्रेडर्स बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमानी के खिलाफ कमर कस ली है। CAIT 15 सितंबर से शुरू होने जा रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहा है। 9 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में इस राष्ट्रीय आंदोलन 'हल्ला बोल' की रुपरेखा तय करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है। इस मीटिंग में CAIT पदाधिकारियों समेत देश के सभी राज्यों के कारोबारी प्रमुख शिरकत करेंगे।
'ई-कॉमर्स कंपनियों के गलत तरीकों' से व्यापारी नाराज
ट्रेडर्स बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का ये विरोध प्रदर्शन- फॉरेन फंडेड 'ई-कॉमर्स कंपनियों के गलत तरीकों' को लेकर किया जा रहा है। भारत में Amazon, Flipkart, और ई कॉमर्स कंपनियों की अनियमितताओं को लेकर अन्य कंपनियों को व्यापारी में खासा रोष है। CAIT ने एक बयान में कहा कि, "भारत में फॉरेन फंडेड ई-कॉमर्स कंपनियों के अपनाए जा रहे गलत तरीकों से देश का व्यापारी वर्ग बहुत नाराज है, लिहाजा देश भर के व्यापारियों ने इसका विरोध करने के लिए एक आक्रामक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
ई-कॉमर्स रूल्स का ड्राफ्ट हो लागू
ट्रेडर्स बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक संयुक्त बयान में संगठन कहा कि देश में कई पॉलिसियां, कानून और नियम होने के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनियां खुलेआम इनका उल्लंघन कर रहीं हैं, वहीं इनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। भरतिया और खंडेलवाल ने अपने साझा बयान में ये भी कहा कि सरकार को जल्द से जल्द ई-कॉमर्स रूल्स के ड्राफ्ट को लागू करना चाहिए।
ई-कॉमर्स कंपनियों का मुकाबला करने कसी कमर
बयान मेंजानकारी देते हुए कहा गयाहै कि CAIT ने देशव्यापी हल्ला बोल आंदोलन की रणनीति तैयार की है। भरतिया ने कहा कि अब हमें और धोखा नहीं दिया जा सकता। देश के व्यापारी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बयान में कहा गयाहै कि हम उपभोक्ता अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे का खुले तौर पर समर्थन करते हैं। इन नियमों को लागू करने के लिए देशभर में मजबूत और प्रभावी आवाज भी उठाई जाएगी।