गजब है बिहार! बिना योजना तैयार हुआ था प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का 2020-2021 बजट- CAG की रिपोर्ट

बिहार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा में जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 बजट को बिना किसी अनुमान के तैयार कर लिया गया था। जिससे पांच साल के दौरान बनी 1029 सड़कें और पुल का प्रोजेक्ट असंतोषजनक था। 

Moin Azad | Published : Jul 2, 2022 9:48 AM IST / Updated: Jul 02 2022, 04:11 PM IST

बिजनेस डेस्कः कैग की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। यह खुलासा बिहार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर हुआ है। बताया गया कि 2020-21 का बजट अनुमान बिना किसी योजना के ही तैयार कर लिया गया था। बिहार का बजट पूरी तरह अवास्तविक (Unreal) और गलतियों से भरा हुआ था। विधानसभा में गुरुवार को पेश किए गए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी (National Quality Monitoring) ने जांच में पाया कि 2020-21 तक पांच साल के दौरान 1,029 सड़कें और पुल प्रोजेक्ट असंतोषजनक श्रेणी में थीं।

तैयार नहीं थी कोई योजना
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल प्रावधान और आवंटन के बीच बड़ा अंतर इस बात की ओर इशारा करता है कि बिहार में पीएमजीएसवाई (PMGSY) के लिए बजट अनुमान (2020-21) बिना किसी उचित योजना के तैयार किया गया था। कैग ने पाया कि पीएमजीएसवाई के लिए पूंजी खंड की बजट तैयारी बिल्कुल अवास्तविक और गलतियों से भरी पड़ी थी।’ पीएमजीएसवाई के तहत ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी और लेखा प्रणाली (ओएमएमएएस) के माध्यम से रिपोर्ट किए गए खर्च और बिहार सरकार के विस्तृत विनियोग खातों में दर्ज खर्च में 1,885.18 करोड़ रुपये का भारी अंतर था। कैग ने कहा कि बिहार ग्रामीण विकास एजेंसी (बीआरआरडीए) और बिहार सरकार के विस्तृत विनियोग खातों के बीच पूंजीगत व्यय में 1,579.58 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय में 3,183.63 करोड़ रुपये का अंतर था। 

Latest Videos

ठेकेदारों को नहीं किया गया भुगतान
कैग ने पाया कि 2006-07 और 2021-22 के बीच पूरी हुई 278 पीएमजीएसवाई परियोजनाओं और 11,938 मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (एमएमजीएसवाई) परियोजनाओं के लिए 83.44 करोड़ रुपये और 1,561.52 करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदारों को नहीं किया गया। जबकि विभाग के पास आवश्यक मात्रा में धन उपलब्ध था। काम भी पूरा हो गया था। कैग ने कहा कि राज्य सरकार के रूरल वर्क्स डिपार्टमेंट से आस्थगित देनदारी (deferred Liablity) का कारण पूछा है और जवाब का इंतजार किया जा रहा है। 

ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए शुरू हुई थी MMGSY
कैग ने कहा कि बिहार सरकार ने वर्ष 2016-17 के दौरान PMGSY कार्यक्रम निधि के लिए 2,883.57 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के मुकाबले राज्य हिस्सेदारी के रूप में करीब 40 प्रतिशत यानी 2,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, जो 77.62 करोड़ रुपये से अधिक थी। 54.13 लाख रुपये जमा/अर्जित ब्याज का अब भी इस्तेमाल नहीं हुआ है। इस रिपोर्ट के बारे में ग्रामीण निर्माण विभाग मंत्री जयंत राज की टिप्पणी नहीं मिल सकी है। बार-बार कोशिश करने के बावजूद इस पर कोई टि्पपणी नहीं मिली है। पीएमजीएसवाई ग्रामीण क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की एक केंद्रीय योजना है। बिहार ने 250 से अधिक आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 2013 में MMGSY की शुरुआत की थी।

यह भी पढ़ें- क्या है पीएम किसान सम्मान निधि? जानें कैसे सरकार की एक योजना ने लाखों अन्नदाताओं को बनाया संपन्न

Share this article
click me!

Latest Videos

मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
अमेरिका ने लौटाया भारत का 'खजाना', 297 नायाब चीजों के साथ वापस लौटेंगे PM Modi । India America
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?