इस मौके पर मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएगा। ग्रीन एनर्जी और बायो-एनर्जी से स्थाई रूप में एनर्जी प्रोडक्शन होगा।
बिजनेस न्यूज. Mukesh Ambani shares 3 mantras: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) हाल ही में गुजरात के गांधीनगर स्थित पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी (PDEU) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने संबोधित देते हुए छात्रों को भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) को रफ्तार देने के लिए तीन मंत्र बताए। उन्होंने कहा कि तीन गेम-चेंजिंग रिवॉल्यूशन (ग्रीन एनर्जी रिवॉल्यूशन, बायो-एनर्जी रिवॉल्यूशन और डिजिटल रिवॉल्यूशन) आने वाले दशकों में भारत के विकास के लिए निर्णायक साबित होंगे।
पहला मंत्र- थिंग बिग (बड़ा सोचो)
'भविष्य के लिए अच्छा लीडर बनना है तो पहले बड़ा सोचना पड़ेगा। हमेशा साहसी सपना देखने वाला बनो क्योंकि इस दुनिया में आज तक बनाई गई हर महान चीज को कभी न कभी एक सपना (असंभव) ही माना जाता था। आपको अपने सपने को साहस के साथ रखना होगा और इसे दृढ़ विश्वास के साथ जीवित रखना होगा। यह एकमात्र तरीका है जिससे आप असंभव को संभव बना सकते हैं।'
दूसरा मंत्र- थिंक ग्रीन (पर्यावरण के अनुकूल सोचो)
'ग्रीन एनर्जी रिवॉल्यूश को मानसिक रूप से अपनाना होगा। इस बारे में आप तभी सोच सकते हैं जब आप प्रकृति के प्रति संवेदनशील हों। यह प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना ही एनर्जी प्राप्त करने के बारे में है। इसके जरिए हम यह सुनिश्चित करते हैं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम एक हेल्दी प्लैनेट छोड़कर जाएंगे।'
तीसरा मंत्र- थिंक डिजिटल (खुद को डिजिटली मजबूम बनाओ)
'भारत को ग्रीन एनर्जी में ग्लोबल लीडर बनाने के मिशन में डिजिटलीकरण अहम भूमिका निभाएगा। AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), रोबोटिक्स और IoT जैसी टेक्वनोलॉजी यह बदलाव लाने में कारगर साबित होंगी। इन्हें अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करें।'
3 ट्रिलियन डॉलर से 40 ट्रिलियन डॉलर तक का सफर
अंत में अंबानी ने कहा कि भारत 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएगा। ग्रीन एनर्जी और बायो-एनर्जी से स्थाई रूप में एनर्जी प्रोडक्शन होगा। वहीं, डिजिटल रिवॉल्यूशन हमें बेहतर तरीके से एनर्जी यूज करने की ताकत देगी। ये तीनों हमारे जीवन को बदल देंगे और भारत व दुनिया को जलवायु संकट से निपटने में मदद करेंगे।
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